मध्यप्रदेश में कोरोना के मामले धीरे-धीरे फिर बढ़ने लगे हैं, पिछले 5 दिनों से लगातार राज्य में कोविड-19 का आंकड़ा दो अंकों में आ रहा है. लोगों में भी कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर लापरवाही दिख रही है, वही राजनीतिक दल भी लगातार बड़ी तादाद में भीड़ जुटाकर धरना-प्रदर्शन-आयोजन कर रहे हैं. 17 नवंबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोविड से जुड़े सारे प्रतिबंध हटाने का ऐलान किया था. भोपाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली के दो दिनों बाद ये ऐलान हुआ था, नतीजा राज्य में ना सिर्फ रैली-धरना-प्रदर्शन बढ़ा, कोविड के प्रोटोकॉल भी टूटे. इसके चलते शहर में संक्रमण बढ़ने लगा है.
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पिछले 24 घंटों में संक्रमण के 22 नए मामले सामने आए. पिछले पांच दिनों में, 75 नए कोविड के संक्रमित मिले जो उससे पहले के 5 दिनों की तुलना में 150% अधिक है. एक्टिव मरीजों की संख्या फिर से 100 पार कर 104 पर जा पहुंची है. एक और फिक्र की बात कम टेस्टिंग है. पहले औसतन 80,000 सैंपल हर दिन लिए जाते थे, लेकिन अब लगभग 55,000 ही सैंपल लिए जा रहे हैं. एक और फिक्र की बात दोनों डोज लगने के बाद पिछले 10 दिनों में 3 मरीजों की मौत है, जिसमें 2 इंदौर के थे.
देश के इस राज्य में पिछले 24 घंटे में सामने नहीं आया COVID-19 का एक भी मामला
इंदौर के सीएमएचओ डॉक्टर बीएल सत्या ने कहा मौत की वजह कोमॉर्बिडिटी रही है. इन्हें दोनों डोज लग गये और इन मरीजों की कोई ट्रैवल हिस्ट्री भी नहीं थी. तीसरी फिक्र ये तस्वीरें हैं, धार में स्वास्थ्य विभाग की टीम को पीट दिया गया. डिंडौरी में वो धान काटने लगे ताकि किसान टीका लगवाने जाएं.
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