कर चोरी मामला विशेष अदालत में भेजने के खिलाफ कार्ति चिदंबरम की याचिका पर कोर्ट ने मांगा जवाब

याचिका में मामले को सांसदों और विधायकों के लिए स्थापित विशेष अदालत में स्थानांतरित किए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
कांग्रेस सांसद कार्ति पी चिदम्बरम (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस सांसद कार्ति पी चिदम्बरम और उनकी पत्नी की उस याचिका पर आयकर (जांच) उपनिदेशक से गुरुवार को जवाब तलब किया, जिसमें दंपती ने करवंचना के एक मामले को निचली अदालत से सांसदों और विधायकों के लिए स्थापित विशेष अदालत में स्थानांतरित किए जाने को चुनौती दी गई है. चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू को दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा.

कार्ति चिदंबरम की ओर से पेश वकील ने पीठ के समक्ष दलील दी कि मद्रास उच्च न्यायालय ने सांसदों/ विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के संदर्भ में ‘अश्विनी उपाध्याय मामले' में शीर्ष अदालत के आदेश का गलत अर्थ लगाया है. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने मामले में जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा.

उच्च न्यायालय ने 12 मई, 2020 को कार्ति चिदंबरम और श्रीनिधि चिदंबरम की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उनके खिलाफ निचली अदालत में दायर कर-चोरी के मामले को सांसदों/विधायकों से संबंधित विशेष अदालत में स्थानांतरित करने को चुनौती दी गई थी.

आईटी विभाग के अनुसार, 2019 के चुनाव में शिवगंगा निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए कार्ति चिदंबरम और उनकी पत्नी को वर्षों पहले चेन्नई के पास मुत्तुकाडु में एक जमीन की बिक्री के लिए नकद राशि मिली थी, लेकिन इसका उन्होंने आईटी रिटर्न में जिक्र नहीं किया.

पी चिदंबरम के बेटे कार्ति पर सीबीआई ने कसा शिंकजा, कई ठिकानों पर छापेमारी

Featured Video Of The Day
Delivery Vehicles Ban: 1 January 2026 से Noida में Petrol-Diesel से चलने वाले डिलीवरी वाहन होंगे बंद
Topics mentioned in this article