मुंबई की एक विशेष अदालत ने भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी (Nirav Modi) की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जब्त की गई 440 करोड़ रुपये की संपत्तियों को पंजाब नेशनल बैंक (PNB) को ‘लौटाने' की मंजूरी दे दी है.नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक पीएनबी से धोखाधड़ी करके क्रेडिट सुविधा हासिल करके 14,000 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप है. धनशोधन निषेध अधिनियम अदालत के विशेष न्यायाधीश वीसी बार्डे ने यह आदेश पिछले सप्ताह दिया. विस्तृत आदेश बृहस्पतिवार को उपलब्ध हुआ. पीएनबी ने जुलाई 2021 में कई आवेदन दे कर उन संपत्तियों को लौटाने की मांग की थी जो नीरव मोदी की दो कंपनियों ‘फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड (एफडीआईपीएल) और ‘फायरस्टार इंटरनेशनल'(एफआईएल) को क्रेडिट सुविधा देने के लिए बैंक के पास गिरवी रखी गई थीं.
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पीएनबी ने व्यक्तिगत वादी और पीएनबी कंसोर्टियम के प्रमुख बैंक के तौर पर और यूबीआई कंसोर्टियम के अधिकृत प्रतिनिधि के तौर पर आवेदन दाखिल किए थे. अदालत ने संपत्ति दिए जाने के अनुरोध वाली दो याचिकाओं को स्वीकार किया था जिनमें 108.3 करोड़ रुपये की एफआईएल और 331.6 करोड़ रुपए वाली एफडीआईपीएल शामिल है. अदालत ने कहा,‘‘याचिकाकर्ता (बैंक) को हुए नुकसान को डीआरटी (रिण वसूली अधिकरण) ने स्वीकार किया है ,जिसने उनके पक्ष में फैसला सुनाया है.''
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ईडी ने जांच के दौरान नीरव मोदी की कई संपत्तियों को जब्त कर लिया था जो नीरव ने परिवार के सदस्यों और उन कंपनियों के जरिए हासिल की थी. अनेक संपत्तियां नीरव मोदी के दिसंबर 2019 को ‘‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी'' घोषित होने के बाद जब्त की गई थीं. बैंक और कर्ज देने वाले बैंकों के समूह ने इन जब्तियों का विरोध किया था क्योंकि नीरव मोदी और चौकसी ने समझौता पत्र लेने के लिए इन संपत्तियों को उनके पास गिरवी रखा था. अदालत ने पीएनबी को यह लिखित में देने को कहा है कि अगर भविष्य में उन्हें संपत्तियां अथवा उसका मूल्य लौटाने के निर्देश दिए जाते हैं तो वे उसे लौटा देंगे.