- भारत के पहले स्वदेशी सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम SSII मंत्रा ने 100 सफल टेलीसर्जरी पूरी कर कीर्तिमान बनाया है.
- SSII मंत्रा के माध्यम से दूरदराज के इलाकों में कम संसाधनों में भी विशेषज्ञ सर्जरी संभव हो पाई है.
- एक ही दिन में आयोजित मैराथन रोबोटिक टेलीसर्जरी में 20 से अधिक सफल ऑपरेशन किए गए.
भारत की स्वदेशी मेडिकल टेक्नोलॉजी में एक नया अध्याय जुड़ गया है. देश के पहले स्वदेशी सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम SSII मंत्रा ने 100 सफल रोबोटिक टेलीसर्जरी पूरी कर ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया है. इस उपलब्धि को देश की स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. साथ ही इसके माध्यम से देश के दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों का इलाज भी कम संसाधनों में संभव हो जाता है और लोगों को दूसरे शहरों और देशों में बैठे सर्जन तक जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती है.
इस ऐतिहासिक उपलब्धि के उपलक्ष्य में कंपनी ने भारत की पहली मैराथन रोबोटिक टेलीसर्जरी का आयोजन किया, जिसमें एक ही दिन में 20 से अधिक टेली-सक्षम रोबोटिक सर्जरी सफलतापूर्वक की गईं. कैंसर, यूरोलॉजी, कार्डियक और बैरियाट्रिक सर्जरी में यह प्रयोग बेहद सफल रहा है.
रोबोटिक सर्जरी से कई बाधाएं हुईं दूर
इस मैराथन में देश के कई प्रतिष्ठित और अनुभवी रोबोटिक सर्जनों ने हिस्सा लिया. SSII मंत्रा कंपनी के माध्यम से विशेषज्ञ सर्जन दूर बैठकर सर्जरी कर पा रहे हैं, जिससे दूरी और संसाधनों की कमी जैसी बाधाएं काफी हद तक समाप्त हो रही हैं.
गौरतलब है कि 100 सफल टेलीसर्जरी भारत को तकनीक-सक्षम रिमोट हेल्थकेयर समाधानों के वैश्विक नेतृत्व की दिशा में एक मजबूत कदम के रूप में देखा जा रहा है.
इस तरह से समझिए रोबोटिक टेलीसर्जरी
रोबोटिक टेलीसर्जरी में मरीज और डॉक्टर एक दूसरे से दूर होते हैं. इस दौरान टेलीकम्युनिकेशन और रोबोटिक सिस्टम की मदद से यह सर्जरी की जाती है. हाई डेफिनेशन वाले कैमरे और रोबोटिक उपकरणों के जरिए ऑपरेशन किया जाता है. डॉक्टरों के मुताबिक, इस तरह की सर्जरी में मरीज को छुट्टी भी जल्द ही मिल जाती है.
रोबोटिक टेलीसर्जरी में सर्जन एक कंसोल का इस्तेमाल करते हैं और रोबोटिक भुजाओं को नियंत्रित करते हैं, जो डॉक्टर के हाथों की गति को बेहद सटीकता से दोहराती है. इस तरह की सर्जरी में छोटे चीरे लगाने से जोखिम कम होता है.














