'देश को नहीं चाहिए मिली-जुली सरकार...': PM मोदी ने इंडिया गठबंधन पर साधा निशाना

प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा छह पूर्वोत्तर राज्यों में सरकार में है, जिनमें मुख्य रूप से ईसाई-बहुल नगालैंड और मेघालय शामिल हैं. उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘जहां तक दक्षिण भारत का सवाल है, लोकसभा सीटों के मामले में हम सबसे बड़ी पार्टी हैं.’’

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प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम आतंकवादियों या हिंसा को एजेंडा तय नहीं करने दे सकते.’’

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Pm Narendra Modi) ने कहा कि लोगों की पसंद भारतीय जनता पार्टी (Bjp) है और जनता के बीच इस बात पर आम सहमति है कि देश को ‘मिली-जुली सरकार' की जरूरत नहीं है, क्योंकि ऐसी सरकारों के दौर के परिणामस्वरूप उम्मीदों को झटका लगा और दुनिया में भारत की छवि खराब हुई.

‘इंडिया टुडे' पत्रिका को दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मोदी की गारंटी' चुनाव जीतने के लिए बनाया गया कोई फॉर्मूला नहीं है, बल्कि यह गरीबों का भरोसा है. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज देश का हर गरीब जानता है कि मोदी अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटेंगे. गरीबों का यही विश्वास मुझे भी ऊर्जा देता है...मैं इस भरोसे को टूटने नहीं दूंगा.''

PM मोदी ने यह भी कहा कि 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए ‘ज्ञान' यानी जी से गरीब, वाई से युवा, ए से अन्नदाता, एन से नारी शक्ति पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. ‘वर्ष 2047 तक विकसित भारत' के लक्ष्य पर चर्चा करते हुए मोदी ने 1922-1947 की अवधि और अगले 25 वर्षों के बीच समानताएं बताईं.

'...यह ऊर्जा मेरी प्रेरणा शक्ति है'
"उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 1922 से लेकर 1947 तक की अवधि में हर कोई स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान देना चाहता था. मैं लोगों के बीच एक समान आशावाद देखता हूं कि जब हम आजादी के 100 साल का जश्न मनाएंगे, तब तक भारत विकसित देश बन जाएगा. यह ऊर्जा मेरी प्रेरणा शक्ति है.''

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम ‘ज्ञान' पर ध्यान देंगे, ‘ज्ञान' को सम्मान देंगे तो विकसित भारत बनेगा. ‘ज्ञान' का मतलब है जी से गरीब, वाई से युवा, ए से अन्नदाता, एन से नारीशक्ति.'' भाजपा द्वारा तीन प्रमुख राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के रूप में नए चेहरों को चुनने के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा कि यह एक ताजा प्रवृत्ति की तरह लग सकता है, लेकिन यह पार्टी के लिए नया नहीं है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि वास्तव में वह भाजपा के भीतर इस परंपरा का सबसे अच्छा उदाहरण हैं. मोदी ने कहा कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो उनके पास कोई पूर्व प्रशासनिक अनुभव नहीं था और वह विधानसभा के लिए भी निर्वाचित नहीं हुए थे. उन्होंने कहा, ‘‘आज अधिकांश अन्य पार्टियां परिवारवादी पार्टियां हैं और उन्हें यह लोकतांत्रिक मंथन कठिन लगता है.''

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'देश का कोई कोना नहीं है, जहां हमारी पार्टी को समर्थन नहीं है'
पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा कैडर-आधारित पार्टी है, जो एक स्पष्ट मिशन से प्रेरित है और इसमें एक ही समय में नेतृत्व की कई पीढ़ियों को साथ लेकर चलने की क्षमता है. यह पूछे जाने पर कि भाजपा किसी भी बड़े दक्षिणी और पूर्वी राज्य में शासन नहीं कर रही है, प्रधानमंत्री ने देश में पार्टी के बढ़ते जनाधार की ओर इशारा किया और कहा, ‘‘देश का कोई कोना नहीं है जहां हमारी पार्टी को समर्थन नहीं है.''

उन्होंने कहा, ‘‘केरल में स्थानीय निकायों से लेकर कई राज्यों में प्रमुख विपक्षी दल होने तक, हमारी पार्टी लोगों के बीच मजबूत काम कर रही है.'' मोदी ने यह भी रेखांकित किया कि भाजपा 16 राज्यों में सत्ता में है और आठ में प्रमुख विपक्षी दल है.

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प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा छह पूर्वोत्तर राज्यों में सरकार में है, जिनमें मुख्य रूप से ईसाई-बहुल नगालैंड और मेघालय शामिल हैं. उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘जहां तक दक्षिण भारत का सवाल है, लोकसभा सीटों के मामले में हम सबसे बड़ी पार्टी हैं.''

अगले आम चुनावों के बारे में विश्वास जताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोगों, विशेषज्ञों, जनमत तैयार करने वालों और मीडिया के दोस्तों के बीच भी इस बात पर आम सहमति है कि ‘‘हमारे देश को मिली-जुली सरकार की जरूरत नहीं है.''

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'मिली-जुली सरकार के दौर में तुष्टीकरण की राजनीति, भ्रष्टाचार'
PM मोदी ने कहा, ‘‘मिली-जुली सरकार से उत्पन्न अस्थिरता के कारण हमने 30 साल खो दिए. लोगों ने मिली-जुली सरकार के दौर में शासन की कमी, तुष्टीकरण की राजनीति, भ्रष्टाचार देखा है. इसके परिणामस्वरूप लोगों में आशावाद और विश्वास का क्षय हुआ और दुनिया में भारत की छवि खराब हुई. इसलिए, स्वाभाविक रूप से लोगों की पसंद भाजपा है.''

लोकसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी महत्वपूर्ण है, जहां विपक्षी ‘इंडिया' गठबंधन भाजपा को चुनौती देने के लिए तैयार है.

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अनुच्छेद 370 को रद्द करने के संबंध में उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले पर उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हमेशा के लिए खत्म हो गया है और जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख के लोग पहली बार अपनी नियति को आकार देने के लिए स्वतंत्र हैं.

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विकास के प्रति दृष्टिकोण पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने सुरक्षा, विकास, बुनियादी ढांचे और मानव पूंजी में निवेश तथा सुधारों के माध्यम से सरकारी प्रक्रियाओं को नए सिरे से आकार देने पर ध्यान देने के साथ बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया है.'' उन्होंने कहा, ‘‘हम क्षेत्र के लोगों के जीवन स्तर में सुधार, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर पैदा करके उनके लिए स्थायी शांति, स्थिरता एवं समृद्धि सुनिश्चित करने की राह पर हैं.''

‘राष्ट्र प्रथम' के अपने सिद्धांत पर प्रकाश डालते हुए मोदी ने कहा, ‘‘मैंने जो कुछ भी किया है, कार्यकर्ता के रूप में, मुख्यमंत्री के रूप में और प्रधानमंत्री के रूप में, मैंने हमेशा राष्ट्र को पहले रखा है. मैंने जो भी निर्णय लिया है वह राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए लिया है.''

यह उल्लेख करते हुए कि अक्सर लोग उनसे पूछते हैं कि उन्होंने कठिन निर्णय कैसे लिया, मोदी ने कहा, ‘‘मेरे लिए यह कठिन नहीं लगता, क्योंकि मैं अपने सभी निर्णय राष्ट्र प्रथम के नजरिये से लेता हूं.'' उन्होंने नीति निर्धारण के प्रति अपने दृष्टिकोण के पीछे के मंत्र के बारे में कहा, ‘‘मैं कुछ इसलिए नहीं करता कि अच्छा लगे, बल्कि अच्छा हो इसलिए करता हूं.''

'करनी है तो पत्थर पर लकीर करो...'
सफाई और स्वच्छता जैसे कठिन तथा असुविधाजनक विषयों को चुनने के अपने दृष्टिकोण पर, मोदी ने कहा, ‘‘माखन पर लकीर तो सब करते हैं. करनी है तो पत्थर पर लकीर करो. कठिन भी है तो क्या हुआ, शुरुआत तो करो.'' साक्षात्कार में, प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि राष्ट्र की छिपी हुई क्षमता उजागर हुई है और भारत की उपस्थिति एवं योगदान को अब वैश्विक मंचों पर सराहा जा रहा है.

उन्होंने कहा कि आज दुनिया की राय स्पष्ट है- ‘‘यह भारत का क्षण है.'' देश में आर्थिक सुधारों पर चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि जीवनस्तर में बेहतरी के लिए (आर्थिक) सुधार लाये जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे सुधारों के परिणामस्वरूप भारत की विकास यात्रा तेज गति से बढ़ी है. मोदी ने भारत के पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का भी भरोसा जताया.

महंगाई और पर्याप्त नौकरियों की कमी को लेकर आलोचना पर, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने सदी में एक बार आने वाली दो साल की महामारी और वैश्विक संघर्षों के कारण मूल्य शृंखलाओं के बाधित होने और दुनिया भर में आर्थिक सुस्ती के बावजूद उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है.

उन्होंने कहा कि 2014-15 से 2023-24 (नवंबर तक) के दौरान औसत मुद्रास्फीति केवल 5.1 प्रतिशत थी, जबकि उसके पिछले 10 वर्षों (2004-05 से 2013-14) के दौरान यह 8.2 प्रतिशत थी. मोदी ने कहा, ‘‘नौकरियां पैदा करना मेरी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है. हमारे सभी प्रयास इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए किए गए हैं.''

देश में बुनियादी ढांचे के विकास की तीव्र गति पर चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचे का निर्माण ऐसी गति से हो रहा है, जो पहले कभी नहीं रही और सभी क्षेत्र 10 साल पहले की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं.

देश में सेमीकंडक्टर चिप निर्माण और अन्य महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि सेमीकंडक्टर मिशन कुछ ऐसा है, जिसे 30 साल पहले शुरू किया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा, ‘‘हम पहले ही देर कर चुके हैं.''

इस संबंध में किए जा रहे प्रयासों के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा, 'हमने अपने सेमीकंडक्टर विनिर्माण मिशन में बड़ी छलांग लगाई है. हमारा ध्यान अब इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को भारत में लाने पर है जिसमें संपूर्ण मूल्य शृंखला शामिल है.''

मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में भारत के नेतृत्व को विकसित करने के प्रयासों के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, ‘‘हम भारतीय भाषाओं की विविधता और हमारी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बड़े स्वदेशी भाषा मॉडल में अपनी कंप्यूटिंग शक्ति पर काम करेंगे.''

भारत की अध्यक्षता में जी20 के आयोजन के बारे में मोदी ने कहा, ‘‘हम वैश्विक एजेंडे में मानव-केंद्रित विकास पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम हुए. हमने विकसित और विकासशील दुनिया को आम सहमति बनाने के लिए प्रेरित किया. हमने बहुपक्षवाद को पुनर्जीवित किया.''

नयी दिल्ली में शिखर सम्मेलन के दौरान जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ को शामिल किए जाने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की अध्यक्षता वैश्विक विमर्श को आकार देने में ‘ग्लोबल साउथ' को उचित स्थान प्रदान करने का एक मंच बन गई.

'आतंकवादियों या हिंसा को एजेंडा तय नहीं करने दे सकते'
यूक्रेन संकट और गाजा में युद्ध जैसे वैश्विक मुद्दों पर भारत की स्थिति स्पष्ट करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘मेरा हमेशा से मानना रहा है कि भय और दबाव से मुक्त माहौल में मतभेदों को सुलझाने के लिए ईमानदार बातचीत और कूटनीति पसंदीदा रास्ता होना चाहिए. यूक्रेन या गाजा में, हमारा दृष्टिकोण इसी विश्वास द्वारा निर्देशित है.'' प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम आतंकवादियों या हिंसा को एजेंडा तय नहीं करने दे सकते.''

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