फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई ने आरोप लगाया है कि वो अपनी दादी को अन्तिम समय में देख नहीं सकी क्योंकि वो कनाडा के टोरंटो शहर में फंसी रह गई और भारत सरकार उसे अपराधी मानती है. लीना की दादी की मृत्यु हाल ही में हुई है. गौरतलब है कि, पिछले महीने उन्होंने अपने डाक्युमेंट्री का पोस्टर रिलीज किया था जो काफी विवादों में रहा था. उस पोस्टर में देवी काली को दिखाने के तौर-तरीके पर सोशल मीडिया पर काफी हंगामा हुआ था और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप के तहत पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था.
"अव्वा, मेरी दादी राजेश्वरी ने सांस लेना बंद कर दिया. मुझे समझ में नहीं आता कि मैं जिंदा क्यों हूं जब मैं उसे विदाई भी नहीं दे सकती. मैं टोरंटो में फंस गई हूं क्योंकि मैं भारत सरकार के अनुसार "अपराधी" हूं. भारत सरकार ने मेरे खिलाफ नौ प्राथमिकी (FIR) दर्ज किए हैं. इतना ही नहीं मुझे हवाई अड्डे पर ही गिरफ्तार करने के लिए "लुक आउट सर्कुलर" भी जारी किया गया है और वो सब महज एक पोस्टर के लिए,” उसने अपनी दादी के साथ एक तस्वीर फेसबुक पर पोस्ट की है जिसमें दोनों मुस्कुरा रही हैं.
मणिमेकलई ने कहा कि ये तस्वीर उसने कनाडा निकलने से पहले ली थी. उस समय मणिमेकलई ने अपनी थीसिस फिल्म 'कथाड़ी' के लिए अपनी दादी का इंटरव्यू लिया था.
मणिमेकलई ने कहा, "उसने मेरे स्नातक की डिग्री समारोह और मेरी थीसिस फिल्म के प्रीमियर में भाग लेने का वादा किया था. लेकिन नीयति को यह मंजूर नहीं थी.”
फिल्म निर्माता ने आगे कहा कि उनकी दिवंगत दादी ने तीन दिन पहले उसकी मां को कहा था कि वह सारे मामलों में जीत हासिल करेंगी. "उसने अपने आखिरी वीडियो कॉल में "लव यू, मुह" फुसफुसाया. शायद मैं उसकी इच्छा को जीने के लिए जीवित हूं. मैं काली हूं. मेरी अव्वा काली की मां है. हमें हराया जा सकता है लेकिन बर्बाद नहीं किया जा सकता है, "उसने कहा.
तमिलनाडु के मदुरै में पैदा हुई और टोरंटो में रहने वाली लीना मणिमेकलई ने पिछले महीने की शुरुआत में अपनी फिल्म का पोस्टर साझा किया था. पोस्टर में देवी काली के वेश में एक महिला को धूम्रपान करते हुए दिखाया गया है. बैकग्राउंड में LGBT समुदाय का झंडा दिखाई दे रहा है.
दिल्ली की एक अदालत अगले 29 अगस्त को उनके डाक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाने को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई करेगी.