घर-गाड़ी की EMI की बात तो आपने सुनी होगी, लेकिन गुजरात में एक ऐसा मामला सामने आया है कि आप भी कहेंगे- गजबे है भैया! दरअसल मामला गुजरात का है. रिश्वतखोर अफसरों का दिल कुछ ऐसा पसीजा कि बोझ कम करने के लिए उन्होंने बाकायदा रिश्वत की EMI बांधी हुई थी. मामला खुला तो हर कोई हैरान है. आप भी जरूर हो गए होंगे, तो यह पूरा मामला आखिर है क्या आपको समझाते हैं..
लोगों पर न पड़े बोझ, इसलिए रिश्वत की EMI!
गुजरात के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों ने ईएमआई में रिश्वत लेने का तरीका इसलिए चुना ताकि लोगों पर एक साथ ज्यादा बोझ ना पड़े, जिनसे वो रिश्वत ले रहे हैं. हैरान करने वाली बात ये है कि लोग भ्रष्ट्र अधिकारियों को ईएमआई यानी किस्तों में रिश्वत दे भी रहे हैं. गुजरात में ईएमआई के रूप में रिश्वत लेने के ऐसे ही कई मामले सामने आए हैं. दरअसल इस साल भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा ऐसे दस मामले दर्ज किए गए हैं.
खेत समतल करने के लिए किस्तों में रिश्वत
अंग्रेजी अखबरा 'टाइम्स ऑफ इंडिया' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक 4 अप्रैल को सूरत में एक ग्रामीण के खेत को समतल करने के लिए 85 हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई. ग्रामीण की आर्थिक स्थिति को देखते हुए, उसके सामने रिश्वत की रकम को ईएमआई के रूप में चुकाने का विकल्प रखा गया. जिसमें पहले 35 हजार रुपये की रकम और बाकी बची हुई रकम को तीन बराबर किस्तों में भुगतान करने की बात कही गई.
रिश्वत की पहली किस्त लेकर पुलिस वाले फरार
दो पुलिसकर्मी साबरकांठा निवासी से मांगे गए 4 लाख रुपये लेकर भाग गए, दरअसल यह राशि उनके द्वारा मांगे गए कुल 10 लाख रुपये की पहली किस्त थी. एक अन्य मामले में, साइबर क्राइम पुलिस अधिकारी ने मांगे गए 10 लाख रुपये को चार किस्तों में बांट दिया. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के अधिकारियों का कहना है कि किस्तों में रिश्वत लेने की प्रथा बढ़ रही है और इस साल अकेले ऐसे दस मामले सामने आए हैं.