भारत औऱ चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में कोर कमांडर स्तर की 13वें दौर की बातचीत (India China Corps commander level talks) बेनतीजा रही. हालांकि भारत ने चीन को दिया कड़ा संदेश दिया है. भारत ने कहा है कि एलएसी के बचे हुए इलाकों से सैन्य वापसी (Disengagement) की ज़िम्मेदारी चीन की है. क्योंकि चीन ने ही एकतरफा ढंग से पूर्वी लद्दाख (Eastern ladakh) में यथास्थिति में बदलाव किया था.भारत ने कहा पीएलए द्वारा ऐसा किया जाना दोनों देशों के विदेश मंत्रियों द्वारा हाल ही में दुशांबे में हुई बातचीत में बनी सहमति के अनुरूप होगा. भारत के रचनात्मक सुझावों पर चीनी पक्ष सहमत नहीं हुआ और पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के समाधान पर आगे का रोडमैप पेश करने में नाकाम रहा.
लिहाजा बचे हुए इलाकों से सैन्य वापसी पर सहमति नहीं बन पाई.दोनों पक्ष संवाद जारी रखने और इलाके में यथास्थिति बनाए रखने पर सहमत हुए. भारत ने उम्मीद जताई कि चीन द्विपक्षीय संबंधों के समस्त पहलू का ध्यान रखेगा और शेष इलाकों में सैन्य वापसी पर कदम उठाएगा. भारत और चीनी सेना के बीच कोर कमांडर स्तर की वार्ता चुशुलू-मोल्डो बार्डर पर 10 अक्टूबर को हुई थी. यह लद्दाख में तनाव के बाद दोनों देशों के कोर कमांडरों के बीच 13वें दौर की बातचीत थी. इस बैठक के दौरान पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के हालातों को लेकर चर्चा हुई.
भारतीय सेना ने कहा कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच दुशांबे में हुई बैठक के दौरान बनी सहमति के दिशानिर्देशन में यह होना चाहिए ताकि गतिरोध के मुद्दों का जल्द से जल्द हल हो. भारतीय सेना ने गतिरोध दूर करने के लिए सकारात्मक सुझाव भी दिए, लेकिन चीनी पक्ष अड़ा रहा. उसने आगे का रास्ता निकालने के लिए कोई प्रस्ताव नहीं दिया.
वहीं चीनी सेना पीएलए ने भी भारत-चीन सैन्य वार्ता (China-India military talks) पर बयान जारी किया. पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के वेस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता सीनियर कर्नल लॉन्ग शाओहुआ ने कहा, हालातों को गलत तरीके से समझने की बजाय, भारतीय सेना को सीमावर्ती इलाकों में कठिन परिस्थितियों में बनी सुखद स्थिति को लेकर अच्छा महसूस करना चाहिए.
उन्होंने कहा, बैठक के दौरान चीनी पक्ष ने सीमावर्ती इलाकों में हालात को सामान्य औऱ शांत बनाने के लिए अथर प्रयास सामने रखे. साथ ही द्विपक्षीय सैन्य संबंधों के हितों को देखते हुए चीनी पक्ष ने पूरी गंभीरता औऱ परिपक्वता के साथ अपनी बात रखी. हालांकि भारतीय पक्ष अपनी अतार्किक और अवास्तविक मांगों पर अड़ा रहा, जिससे बातचीत के दौरान मुश्किलें आईं हैं.
चीनी सेना ने उम्मीद जताई कि भारतीय पक्ष दोनों देशों के बीच हुए सभी समझौतों का पालन करेगा औऱ सीमावर्ती इलाकों में शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के लिए गंभीरतापूर्वक प्रयास करेगा.