देश की राजधानी दिल्ली में कोविड-19 'एक या दो दिन में' अपनी पीक पर पहुंच जाएगा, इसके बाद तीसरी लहर में संक्रमण के मामलों में कमी देखने को मिलेगी. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने एनडीटीवी को यह जानकारी दी. राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को 19,000 से अधिक नए कोरोना मामले दर्ज किए गए, जो रविवार की तुलना में थोड़ा कम है. यह पूछे जाने पर कि क्या दिल्ली सरकार वीकेंड कर्फ्यू पर फिर से विचार करेगी, स्वास्थ्य मंत्री ने एनडीटीवी को बताया, 'पीक पहले ही आ चुकी है, या एक या दो दिन में आ जाएगी. यह (पीक) इस सप्ताह जरूर आ जाएगी. उसके बाद मामलों में कमी देखने को मिलनी चाहिए. लेकिन यह संभव है कि हम एक और कर्फ्यू लागू कर सकते हैं, बस लोगों को यह याद दिलाने के लिए कि वे अपने सुरक्षा में कोई कमी ना करें.'
दिल्ली में COVID-19 का टेस्ट करने वाला हर चौथा व्यक्ति पॉजिटिव पाया जा रहा है. सोमवार को पॉजिटिविटी रेट 25 फीसदी थी, जो पिछले साल 5 मई के बाद सबसे अधिक है. शहर में एक दिन में 17 मौत भी दर्ज की गई हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, "दिल्ली में COVID-19 मामले आमतौर पर अधिक होते हैं क्योंकि अधिकांश अंतरराष्ट्रीय उड़ानें यहां उतरती हैं. ओमिक्रॉन केवल इसी वजह से दिल्ली में तेजी से फैला है. एक अच्छा संकेत यह है कि अस्पताल में भर्ती होने की दर बहुत कम है. लगभग 20,000 दैनिक मामलों दर्ज होने के बावजूद, अस्पताल में केवल 2,000 लोग ही भर्ती हैं. जबकि कोविड-19 रोगियों के लिए 12,000 बेड खाली हैं. आखिरी लहर में, जब शहर में एक दिन में 20,000 मामले दर्ज हो रहे थे, कम से कम 12,000-13,000 मरीज अस्पताल में भर्ती थे.'
साथ ही उन्होंने कहा, 'अस्पताल में भर्ती होने की संख्या अब छह गुना कम है. अस्पतालों में भर्ती 2,000 में से केवल 65 लोग ही आईसीयू में हैं.'
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दिल्ली में इस महीने के पहले 10 दिनों में पिछले पांच महीनों में हुई कुल मौतों की तुलना में अधिक कोविड-19 मौतें दर्ज की गई हैं. सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि मरने वालों में से अधिकांश अन्य बीमारियों से ग्रसित थे या उन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई थी.
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