पूर्वी लद्दाख में तनातनी के बीच भारत और चीन की कोर कमांडर स्तर की वार्ता कल

भारत जोर देगा कि दोनों देशों की सेनाएं अपनी पुरानी जगह पर जाएं और सैनिकों की बढ़ी तादाद को कम किया जाए. भारत और चीन के सैनिकों के बीच पिछले साल मई महीने में सीमा पर तनाव बढ़ गया, जब चीन ने सीमा पर अपने हजारों सैनिकों तैनात कर दिए थे.

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India China Core Commander Level Talks
नई दिल्ली:

पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में भारत और चीन के बीच जारी तनातनी को कम करने की कवायद के तहत कोर कमांडर स्तर की वार्ता शुक्रवार को चुशूल में होगी. 11 वें दौर की यह बातचीत करीब डेढ़ महीने बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से सटे भारतीय इलाके में सुबह 10.30 बजे हो रही है.इससे पहले दोनों देश पैंगोंग लेक इलाके में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी कर चुके हैं. भारत का जोर है कि अन्य इलाकों से भी तनाव इसी तरह खत्म किया जाए, जहां दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं.

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इस बैठक में भारतीय दल की अगुवाई 14 वी कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन करेंगे वही चीन की तरफ से बैठक में पीएलए के दक्षिणी झिंगज्यांग डिस्ट्रिक के कमांडर होंगे. बैठक में भारत का जोर पूरी तरह से सैनिकों के मई 2020 से पहले की स्थिति पर वापस लौटने और डिएस्कलेशन पर होगा. बातचीत का एजेंडा पैंगोंग लेक के बाकी बचे इलाके के साथ साथ गोगरा, हॉट स्प्रिग्स और डेपसांग से भी सैनिकों की वापसी पर होगा.

भारत जोर देगा कि दोनों देशों की सेनाएं अपनी पुरानी जगह पर जाएं और सैनिकों की बढ़ी तादाद को कम किया जाए. भारत और चीन के सैनिकों के बीच पिछले साल मई महीने में सीमा पर तनाव बढ़ गया, जब चीन ने सीमा पर अपने हजारों सैनिकों तैनात कर दिए थे. 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई थी. इस कार्रवाई में भारतीय सेना के 20 सैनिक शहीद हुए और चीन के 40 से अधिक सैनिक मारे गए थे.

इसी साल 20 फरवरी को दोनों पक्षों में समझौता हुआ कि पैंगोंग लेक इलाके में सैनिकों के पीछे हटने की प्रकिया की जाएगी, बाकी विवादित मुद्दे भी बातचीत से ही सुलझाए जाएंगे. साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि सरहद पर ऐसी कोई हरकत नही हो जिससे संबध बिगड़े.

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