छत्तीसगढ़ सिविल सेवा परीक्षा में "राजनीतिक" प्रश्न पत्रों पर विवाद, विपक्ष ने साधा निशाना

छत्तीसगढ़ में लोकसेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन राज्य के 28 जिलों में हुआ. 1 लाख से अधिक पीएससी के उम्मीदवारों ने परीक्षा दी.

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भोपाल:

छत्तीसगढ़ में लोकसेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन राज्य के 28 जिलों में हुआ. 1 लाख से अधिक पीएससी के उम्मीदवारों ने परीक्षा दी. लेकिन छात्रों के मुताबिक कई सवाल ऐसे थे जो किताबी कम सियासी ज्यादा थे. इन प्रश्नों को लेकर अब विपक्षी दल की तरफ से सवाल उठाए जा रहे हैं. जिन प्रश्नों को लेकर छात्रों की तरफ से सवाल उठाए गए हैं उनमें प्रमुख हैं: 4 जुलाई 2022 तक भुइंया पोर्टल में कुल कितने व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र अपलोड किए गए? माननीय मुख्यमंत्री द्वारा राजनांदगांव विधानसभा में भेंट मुलाकात का आयोजन कब किया गया? पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने गोधन न्याय योजना 2022 में किस गोठान का भ्रमण किया? छत्तीसगढ़ी शब्द फुसर-फुसर का क्या अर्थ है?

एक परीक्षार्थी रोहन घोष ने बताया कि कई प्रश्न लगातार विवाद उत्पन्न कर रहे हैं, सुधार नहीं हो रहा है. मुख्यमंत्री कई जिलों में सैकड़ों यात्रा कर रहे हैं. हम परीक्षार्थी हैं आधे नंबर से चूक जाते हैं जो हम सबके लिये नुकसानदेह है. नवदित्य खंबारी ने कहा कि प्रथम स्थान कहां से शुरू हुआ ये वाजिब था मुख्यमंत्री 4 मई से यात्रा कर रहे हैं वो कोई दिमाग में नहीं रख सकता, 200 यात्रा संभव नहीं है कोई याद रख सके. 

पूरे मामले पर बीजेपी का कहना है कि ये स्तरहीन सवाल हैं वही कांग्रेस का कहना है कि  छात्रों को ये जानकारी होनी चाहिये. बीजेपी के महामंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि सीधा 200 सालों का अंतर पीएएसी के विकल्पों में है, प्रश्नक्रम्रांक 66 ब्रिटिश कैप्टन सैंडी ने कौन सी ताहुतदारियों का निर्माण किया इसमें लोरमी और तरंगा जो सही विकल्प है वो कहीं है ही नहीं, इस तरह के प्रश्नक्रमांक 57 में पूछा गया राजनांदगांव जिले में भेंट मुलाकात का कार्यक्रम कौन सी तारीख में संपन्न हुआ इस तरह की आत्ममुग्धता और अप्रसांगिक तथ्यों वाले प्रश्न हैं. उन्होंने कहा कि देश के अन्य प्रदेशों के पीएएसी यूपीएएसी की तर्ज पर अपने क्वॉलिटी और पारदर्शिता को बेहतर बना रहे हैं लेकिन दुर्भाग्य से यहां स्तरहीनता और भ्रष्टाचार की स्थिति निर्मित हो रही है जो छत्तीसगढ़ के साथ बड़ा धोखा है. 

वहीं यूथ कांग्रेस के  राष्ट्रीय प्रवक्ता सुबोध हरितवाल ने कहा कि पीएएसी एक स्वतंत्र संस्था है जो अपने नियम, प्रश्न तय करती है राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है ऐसे में राज्य सरकार पर आरोप लगाना निरर्थक है. साथ ही उन्होंने कहा कि छात्र राज्य में सरकारी नौकरी के लिये आवेदन करना चाहते हैं. मुख्यमंत्री इतनी बड़ी योजना चला रहे हैं तो यहां अमेरिका का सवाल तो करेंगे नहीं.

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