महाराष्ट्र के राज्यपाल बी एस कोश्यारी ने शनिवार को कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज "पुराने दिनों" के प्रतीक थे, जबकि उन्होंने हाल के दिनों में राज्य में "प्रतीक" के बारे में बात करते हुए बी आर अंबेडकर और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का जिक्र किया, जिसकी एनसीपी ने आलोचना की. राज्यपाल कोश्यारी ने औरंगाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार को डी.लिट की डिग्री प्रदान करने के बाद यह टिप्पणी की.
महाराष्ट्र के राज्यपाल ने कहा, ''पहले जब आपसे पूछा जाता था कि आपका आइकन कौन है-जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस या फिर महात्मा गांधी, इसका जवाब हुआ करते थे. महाराष्ट्र में आपको कहीं और देखने की जरूरत नहीं है (क्योंकि) यहां बहुत सारे आइकन हैं. जबकि छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने समय के हैं, बी आर अंबेडकर और नितिन गडकरी मौजूदा समय के हैं,"
राज्यपाल की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी ने उन पर महाराष्ट्र को नीचा दिखाने का आरोप लगाया. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो ने कहा कि राज्यपाल कोश्यारी ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की तुलना छत्रपति शिवाजी महाराज से की है. "भारत के राष्ट्रपति को संवैधानिक पद पर आसीन इस व्यक्ति (राज्यपाल कोश्यारी) को बदलने के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए, जो लगातार ऐसे बयान देते हैं जो विवाद पैदा करते हैं. बीजेपी हमेशा महाराष्ट्रीयनों की भावनाओं को आहत करने वाले उनके अपमानजनक बयानों के बारे में चुप रहती है,"
इस साल की शुरुआत में, राज्यपाल ने यह सवाल करके विवाद पैदा कर दिया था कि छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में कौन पूछता अगर उनके गुरु समर्थ (रामदास) नहीं होते. उन्हें अपनी इस टिप्पणी के लिए भी आलोचना का सामना करना पड़ा था कि अगर गुजरातियों और राजस्थानियों को शहर छोड़ना पड़ा तो मुंबई के पास पैसे नहीं होंगे, जिसके लिए बाद में उन्होंने माफी मांगी.
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