बंगाल भाजपा के नेता सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) की कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर अपमानजनक टिप्पणी की है. इसने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) को लेकर सीट बंटवारे पर खींचतान के बीच राज्य के कांग्रेस नेताओं पर तंज कसने का मौका दे दिया है. तृणमूल का बयान ऐसे वक्त में आया है, जब राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो न्याय यात्रा पूर्व में चल रही है. 14 जनवरी को मणिपुर से शुरू हुई यात्रा गुरुवार को बंगाल में प्रवेश करने से पहले पूर्वोत्तर से होकर गुजरी है. यह यात्रा दो दिन के विराम के बाद आज एक बार फिर से शुरू हुई और बिहार पहुंची है. इस सप्ताह के आखिर में यात्रा का बंगाल में फिर से प्रवेश करने का कार्यक्रम है.
यात्रा के प्रभाव को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए सुवेंदु अधिकारी ने राहुल गांधी के लिए अपमानजनक टिप्पणी की. उन्होंने गांधी की 'स्टोव में कोयला' वाली टिप्पणी का जिक्र किया, जिसका पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मजाक उड़ाया था. उन्होंने कहा, "राहुल गांधी कौन हैं. वह कहते हैं कि स्टोव में कोयला डालकर चाय गर्म करनी चाहिए. स्टोव में कोयला? मैंने ऐसा कभी नहीं सुना."
राहुल गांधी ने असम के धुबरी में एक रैली के दौरान यह टिप्पणी की थी, जब वह भ्रष्टाचार को लेकर सरमा पर निशाना साध रहे थे. यह आरोप लगाते हुए कि असम के मुख्यमंत्री देश के सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री हैं और कोयला और चाय सहित हर व्यवसाय में उनकी हिस्सेदारी है. गांधी ने कहा, “जब आप सुबह उठते हैं और चाय बनाने के लिए स्टोव में कोयला डालते हैं, तो लाभ कम होता है.” कोयला आपके मुख्यमंत्री को जाता है. आप जो चाय पीते हैं, उसके बागान आपके मुख्यमंत्री के हैं."
हालांकि राज्य कांग्रेस ने अभी तक अधिकारी की अपमानजनक टिप्पणी का जवाब नहीं दिया है. स्पष्ट है कि वे यात्रा में व्यस्त हैं. इंडिया गठबंधन में उनकी सहयोगी तृणमूल ने इस अवसर का उपयोग भाजपा और विशेष रूप से कांग्रेस के प्रदेश नेताओं को निशाना बनाने के लिए किया है.
अधिकारी की टिप्पणी का एक वीडियो क्लिप तृणमूल नेता और प्रवक्ता कुणाल घोष ने एक्स पर पोस्ट किया है, उन्होंने कहा, "राहुल गांधी को निशाना बनाने के लिए गद्दार किस भाषा का उपयोग कर रहे हैं. राजनीति में इस तरह का असभ्य व्यवहार बंद होना चाहिए. भाजपा के दलाल के रूप में काम करने वाले राज्य के कांग्रेस नेता कितना नीचे गिरेंगे? क्या आप इसे चुपचाप स्वीकार कर लेंगे? सुवेंदु की राजनीति में अब कोई शर्म नहीं है. मैं इस बीमार भाषा का विरोध करता हूं.''
"गद्दार" का संदर्भ सुवेंदु अधिकारी पर तृणमूल का कटाक्ष है, जो कभी पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के काफी भरोसेमंद थे और बाद में भाजपा में चले गए और उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी बन गए.
तृणमूल नेता की टिप्पणी इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर उनकी पार्टी और कांग्रेस के बीच रस्साकस्सी की पृष्ठभूमि में आई है. बंगाल में गठबंधन पर लगभग रोक लगाते हुए बनर्जी ने पिछले सप्ताह ही कहा था कि उनकी पार्टी लोकसभा का चुनाव अकेले ही लड़ेगी और गठबंधन को लेकर कोई भी निर्णय चुनाव के बाद लिया जाएगा. उसके बाद से ही कांग्रेस डैमेज कंट्रोल के मोड में है और उसने कहा है कि ममता बनर्जी के बिना इंडिया गठबंधन की कल्पना भी नहीं की जा सकती.
गतिरोध के लिए चौधरी को ठहराया जिम्मेदार
तृणमूल नेतृत्व ने सीट बंटवारे पर गतिरोध के लिए बार-बार पार्टी के लोकसभा नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा संचालित कांग्रेस की स्थानीय इकाई को जिम्मेदार ठहराया है. पार्टी पहले भी चौधरी पर "भाजपा एजेंट" होने का आरोप लगा चुकी है.
ममता बनर्जी की आलोचना करते रहे हैं चौधरी
अधीर रंजन चौधरी लगातार ममता बनर्जी की तीखी आलोचना करते रहे हैं. वह उन्हें "अवसरवादी" कहते हैं और सीट-बंटवारे की व्यवस्था के एक हिस्से के रूप में तृणमूल कांग्रेस की दो सीटों की पेशकश को अस्वीकार कर रहे हैं. तृणमूल का कहना है कि वह अपनी पेशकश में काफी उदार रही है और सहमति तक पहुंचने में देरी के लिए उसने कांग्रेस की आलोचना की है.
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