"बेटी को अवैध तरीके से दिलाया ठेका, LG को बर्खास्त किया जाए", AAP ने पीएम मोदी से की मांग

AAP के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने यह भी मांग की कि कानून का उल्लंघन कर अपनी बेटी को कथित तौर पर ठेका देने के लिए सक्सेना के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जानी चाहिए.

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AAP ने LG पर साधा निशाना
नई दिल्ली:

दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) और उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना के बीच राजनीति खींचतान बढ़ती ही जा रही है. कुछ दिन पहले AAP ने LG पर भ्रष्टाचार में शामिल होने के आरोप लगाया था. इसके बाद LG ने AAP के नेताओं पर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही थी. शुक्रवार को एक बार फिर AAP ने LG को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. AAP नेताओं ने LG पर अपनी बेटी को अवैध तरीके से ठेका दिलाने का आरोप लगाते हुए पीएम मोदी से निवेदन किया है कि उन्हें बर्खास्त किया जाए. AAP के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने यह भी मांग की कि कानून का उल्लंघन कर अपनी बेटी को कथित तौर पर ठेका देने के लिए सक्सेना के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जानी चाहिए. उन्होंने LG पर आरोप लगाते हुए कहा कि केवीआईसी के अध्यक्ष के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान वीके सक्सेना ने अपने पद का दुरुपयोग किया और मुंबई में एक खादी लाउंज की आंतरिक साजसज्जा का ठेका अपनी बेटी को दिया. ठेका देने में उन्होंने केवाईआईसी कानून, 1961 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. 

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बता दें कि AAP और LG के बीच बीते कुछ समय से रिश्तों में तल्खी देखी जा रही है. कुछ दिन पहले ही दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Lt Governor VK Saxena) आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात की थी. उन्होंने कहा था कि AAP नेता आतिशी, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक और जैसमिन शाह पर वो कानूनी कार्रवाई करेंगे. एलजी वीके सक्सेना ने AAP नेताओं द्वारा लगाए आरोपों को झूठे और मानहानि करने वाले बताए थे. उपराज्यपाल दफ्तर के मुताबिक जिन दो लोगों के बयान के आधार पर आम आदमी पार्टी नेताओं ने यह आरोप लगाया था. वह CBI जांच में पहली नजर में खादी ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) में भ्रष्टाचार के दोषी पाए गए हैं.

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उप राज्यपाल दफ्तर के मुताबिक सीबीआई जांच में पाया गया कि केवल 17.07 लाख रुपये ही 500 और 1000 के नोट के तौर पर जमा हुए हैं, 22 लाख नहीं जैसा CVO ने दावा किया था. उप राज्यपाल दफ्तर के मुताबिक यह मामला 17 लाख 7 हजार रुपये का था जबकि AAP नेताओं की तरफ़ से इसको 1400 करोड़ रुपये का बताया गया था. इस मामले में सीबीआई ने दो आरोपियों संजीव कुमार मलिक और प्रदीप यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है और मामला अदालत में है.

उप राज्यपाल की कानूनी कार्रवाई की धमकी पर बोले आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा था कि, इस मामले की इंडिपेंडेंट इंक्वायरी होनी चाहिए. जिस तरह से इस मामले को हैंडल किया गया वह नेचुरल जस्टिस के प्रिंसिपल के खिलाफ है. 

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