यूपी में 5 नये हवाईअड्डों के संचालन और प्रबंधन के लिए सरकार और AAI के बीच अनुबंध

सीएम योगी ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में मुख्यतः लखनऊ और वाराणसी में ही एयरपोर्ट थे. आज प्रदेश में नौ हवाई अड्डे क्रियाशील हैं और 10 पर काम जारी है और 75 गंतव्य तक वायुसेवा की सुविधा है.

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लखनऊ:

उत्तर प्रदेश सरकार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के बीच शुक्रवार को पांच नये हवाई अड्डों के संचालन और प्रबंधन के सिलसिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में अनुबंध किया गया. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि वायु सेवा शुरू होने से इन क्षेत्रों के विकास को नए पंख लगेंगे. शुक्रवार को राज्‍य सरकार के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी.


प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में शुक्रवार को लोक भवन (मुख्यमंत्री कार्यालय) में आयोजित कार्यक्रम में अलीगढ़, आजमगढ़, श्रावस्ती, चित्रकूट एवं म्योरपुर (सोनभद्र) में विकसित किए जा रहे हवाई अड्डों के संचालन एवं प्रबंधन के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण एवं उत्तर प्रदेश सरकार के बीच अनुबंध हुआ.

उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव, नागरिक उड्डयन विभाग एसपी गोयल और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष ए.के. पाठक के बीच अनुबंध का आदान प्रदान हुआ. एमओयू (दो पक्षों के बीच किया गया लिखित करार) के बाद अब इन हवाई अड्डों के लाइसेंसिंग की प्रक्रिया होगी और जल्द ही सभी पांच हवाई अड्डों से वायुसेवा शुरू हो जाएगी.

हवाई अड्डों का विकास राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा सेवा प्रदाता के रूप में संचालन और प्रबंधन की सेवाएं प्रदान की जाएंगी. इस संबंध में सभी हवाई अड्डों की परिसंपत्तियों एवं पूंजीगत कार्यों का हस्तांतरण भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने इन सभी हवाई अड्डों को एयरबस ए-320 के मानकों के अनुसार विकसित करने के निर्देश भी दिए और इस सम्बन्ध में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से शीघ्र ही सर्वे की प्रक्रिया कराकर भूमि क्रय के सम्बन्ध में अग्रेतर कार्यवाही करने के निर्देश दिए.

इस मौके पर अपने संबोधन में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के अंतर्गत चयनित अलीगढ़, आजमगढ़, श्रावस्ती, चित्रकूट एवं सोनभद्र जिलों में विकसित किए जा रहे हवाई अड्डों के संचालन एवं प्रबंधन के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण का सहयोग मिल रहा है.

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उन्‍होंने कहा कि यह एयरपोर्ट ऐसे क्षेत्रों में स्थापित हो रहे हैं जो विकास की दौड़ में कतिपय कारणों से पीछे छूट गए थे। श्रावस्ती, सोनभद्र और चित्रकूट तो आकांक्षात्मक जनपद हैं. उन्होंने आजमगढ़, अलीगढ़, चित्रकूट और श्रावस्ती और सोनभद्र की परिस्थितियों की चर्चा करते हुए कहा कि यहां से एयर कनेक्टिविटी होने से इन क्षेत्रों के विकास को नए पंख लगेंगे.

योगी ने कहा कि आजमगढ़ में पांच वर्ष पूर्व कोई सोच नहीं सकता था कि यहां एयरपोर्ट बनेगा. वर्तमान प्रदेश सरकार ने आजमगढ़ को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जोड़ने का कार्य किया है. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को प्रधानमंत्री ने अपने कर-कमलों से प्रदेशवासियों को सौंपा है.

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उन्‍होंने कहा कि चित्रकूट रामायण सर्किट का महत्वपूर्ण हिस्सा है और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने अपने वनवास का सर्वाधिक समय यहीं व्यतीत किया था. यहां पहाड़ी पर बहुत सुंदर एयरपोर्ट बन रहा है.

श्रावस्ती को पर्यटन की दृष्टि से विशेष महत्व बताते हुए योगी ने कहा कि भगवान श्रीराम के पुत्र की राजधानी रही है और भगवान बुद्ध ने अपने जीवन काल में सर्वाधिक चातुर्मास यहीं व्यतीत किये थे. अब यहां से वायुसेवा शुरू होने जा रही है. उन्‍होंने अलीगढ़ और सोनभद्र की भी चर्चा की.

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उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चर्चा करते हुए कहा कि उनके द्वारा प्रारंभ की गई 'उड़ान' योजना का उत्तर प्रदेश ने अत्यधिक लाभ प्राप्त किया है. 2017 से पहले प्रदेश में मुख्यतः लखनऊ और वाराणसी में ही एयरपोर्ट थे. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में नौ हवाई अड्डे क्रियाशील हैं और 10 पर काम जारी है और 75 गंतव्य तक वायुसेवा की सुविधा है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश अतिशीघ्र पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला राज्य बनने जा रहा है. वर्तमान में वाराणसी, कुशीनगर और लखनऊ इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं, जबकि जेवर और अयोध्या में निर्माण जारी है.

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