रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सांस्कृतिक विरासत के उन्नयन एवं समृद्धि के लिये निरन्तर कार्य किये जा रहे हैं, जिनमें काशी गलियारा, उज्जैन, अयोध्या में राम मन्दिर, केदारनाथ मन्दिर परिसर में कार्य प्रमुख हैं. यहां कनखल स्थित श्री हरिहर आश्रम में जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि के आचार्य पीठ पर पदस्थापन के 25 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में सिंह ने कहा कि राजा अपना काम ठीक से करे, इसकी समीक्षा करने का अधिकार साधु-सन्तों को ही है.
राजनाथ सिंह ने कहा कि जब कोई संत बनता है तो वह सबसे पहले अहम् को त्यागते हुए वयम् को अपनाता है तथा जो भी कार्य करता है वह चराचर जगत के लिये करता है. उन्होंने कहा कि संत पूरे विश्व को अपना परिवार मानता है और बसुधैव कुटुम्बकम की भावना को देने का श्रेय संन्यासियों को है.
रक्षा मंत्री ने आध्यात्मिक महोत्सव में बंकिम चन्द्र चटर्जी के उपन्यास 'आनन्द मठ' का उल्लेख करते हुये कहा कि संन्यासियों का देश की सामाजिक, सांस्कृतिक व्यवस्था से हमेशा जुड़ाव रहा है तथा जब भी आवश्यकता पड़ी उन्होंने इनके उत्थान में बड़ा योगदान दिया.
समारोह मे लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने तप, तपस्या तथा आध्यात्मिक मूल्यों का संरक्षण करते हुये लाखों सन्तों को दीक्षा दी तथा देश व दुनिया में वे संस्कृति के वाहक के रूप में प्रख्यात हैं.
ओम बिरला ने कहा कि जितने भी संत यहां विराजमान हैं, उन्होंने अपने जीवन को समर्पित करते हुये चुनौतियों व कठिनाइयों से लड़ने का ज्ञान दिया है. समारोह मे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित अनेक राजनेता तथा साधु संत भी मौजूद थे.