"26/11 हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए" : विदेश मंत्री

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि एवं राजदूत रुचिरा कंबोज ने हाल ही में कहा कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक “गंभीर खतरा” बना हुआ है

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इस हमले में 26 विदेशी नागरिकों समेत 166 लोगों की हत्या की गई थी.
नई दिल्ली:

मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले की आज 14वीं बरसी है. इस मौके पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज ट्वीट करते हुए कहा कि "जिन लोगों ने इस हमले की साजिश और निगरानी की, उन्हें न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए". विदेश मंत्री ने हमले से जुड़ा एक छोटा वीडियो साझा करते हुए ये बात कही. 1 मिनट 36 सेकंड लंबे वीडियो में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का एक संदेश भी है, जिसमें उन्होंने कहा "हम मानते हैं कि एक भी हमला बहुत अधिक है. यहां तक कि खोया हुआ एक जीवन भी बहुत अधिक है. इसलिए, हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक कि आतंकवाद को जड़ से खत्म नहीं कर दिया जाता."

जयशंकर ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय समुदाय के जिम्मेदार सदस्यों के रूप में यह हम पर निर्भर है कि हम उनके आघात को याद रखें और अपराधियों को सजा दिलाने के हमारे प्रयासों में दृढ़ता रखें."

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संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि एवं राजदूत रुचिरा कंबोज ने हाल ही में कहा कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक “गंभीर खतरा” बना हुआ है. उन्होंने कहा, ‘‘आईएसआईएस और अल-कायदा से संबद्ध व प्रेरित समूह विशेष रूप से एशिया और अफ्रीका में अपने मंसूबों को अंजाम देते हुए आम लोगों और सुरक्षा बलों को निशाना बना रहे हैं.''

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कंबोज ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की संयुक्त ब्रीफिंग में कहा, “हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि नवंबर 2008 में 10 आतंकवादी समुद्री रास्ते के जरिए पाकिस्तान से मुंबई शहर में दाखिल हुए थे, चार दिन तक शहर में तबाही मचाते रहे, 26 विदेशी नागरिकों समेत 166 लोगों की हत्या कर दी.”

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