लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज संसद भवन परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मुद्दों पर सहमति और असहमति बहस में प्रतिबिंबित होनी चाहिए, व्यवधान में नहीं. इस बात पर जोर देते हुए कि भारत में लोकतंत्र जीवन का हिस्सा है. बिरला ने राजनीतिक दलों के नेताओं और सदस्यों से लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करने की दिशा में काम करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि सदन का सुचारू संचालन सभी दलों की जिम्मेदारी है. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन को सामूहिकता और आम सहमति के अनुसार चलाया जाना चाहिए. कई मुद्दों पर राजनीतिक दलों के बीच मतभेदों को लेकर बिरला ने कहा कि एक कार्यशील लोकतंत्र में इस तरह के मतभेद स्वाभाविक हैं लेकिन उन्हें स्वस्थ बहस के रूप में प्रतिबिंबित करने की आवश्यकता है. उन्होंने सदस्यों से सदन में व्यवधान पैदा करने से बचने की अपील की.
सत्र के दौरान सूचीबद्ध कार्य को पूरा करने के लिए सदन 18 घंटे 11 मिनट अधिक देर तक बैठा. इस सत्र के दौरान सभा की कार्य- उत्पादकता 82 प्रतिशत रही. ओम बिरला ने बताया कि सत्र की पहली सात बैठकों के दौरान उत्पादकता 102 प्रतिशत थी. 2 दिसम्बर, 2021 को सभा का कार्यनिष्पादन 204 प्रतिशत रहा. लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि सत्र के दौरान 12 सरकारी विधेयक पुरःस्थापित किए गए और 9 विधेयक पारित किए गए. इस सत्र के दौरान पारित किए गए कुछ महत्वपूर्ण विधेयक हैं: कृषि विधि निरसन विधेयक, 2021; केन्द्रीय सतर्कता आयोग विधेयक (संशोधन), 2021; दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन विधेयक (संशोधन), 2021; और निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक, 2021.
सत्र के दौरान सदन में 360 में से 91 तारांकित प्रश्नों के उत्तर मौखिक रूप से दिए गए. 4140 अतारांकित प्रश्नों के उत्तर सभा पटल पर रखे गए. 20 दिसंबर 2021 को, दिन के लिए सूचीबद्ध सभी 20 तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए. इसके अलावा, नियम 377 के तहत लोक महत्व के 380 मामले उठाए गए. सदस्यों द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग पर संतोष व्यक्त करते हुए ओम बिरला ने कहा कि पिछले सत्र के दौरान 93.5% की तुलना में इस सत्र में 94.68% ई-नोटिस प्राप्त हुए.
लोक सभा अध्यक्ष ने बताया कि शून्य काल के दौरान सभा में अविलंबनीय लोक महत्व के 563 मामलों को भी उठाया गया. 9 दिसम्बर को सदन में देर तक बैठकर 62 माननीय सदस्यों ने शून्य काल के तहत अपने विषय सभा के समक्ष रखे. इनमें से 29 महिला सदस्य थीं. कुल 8 दिन शून्यकाल चला और प्रतिदिन इसका औसत 1 घंटा 51 मिनट रहा.
सदन में हुए अन्य कार्यों के बारे में बिरला ने कहा कि स्थायी समितियों ने सदन को 45 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए और सत्र के दौरान सदन के कामकाज पर संसदीय मामलों के 3 वक्तव्यों सहित 50 वक्तव्य सदन में प्रस्तुत किए गए. कुल 2658 पत्र सभा पटल पर रखे गए.
ओम बिरला ने बताया कि सभा में देश में ‘कोविड-19 वैश्विक महामारी' और ‘जलवायु परिवर्तन' के संबंध में दो अल्पकालिक चर्चाएं भी की गईं. उन्होंने आगे कहा कि ‘जलवायु परिवर्तन' विषय पर चर्चा अभी पूरी नहीं हुई है और अगले सत्र में जारी रहेगी. ‘'कोविड-19 वैश्विक महामारी'' पर 12 घंटे 26 मिनट तक चली चर्चा में कुल 99 सदस्यों ने भाग लिया. दूसरी अल्पकालिक चर्चा ‘'जलवायु परिवर्तन'' पर थी, जिसमें अभी तक 61 सदस्यों ने अपने विचार रखे हैं. यह चर्चा अभी तक 6 घंटे 26 मिनट तक चली है.
गैर-सरकारी सदस्यों के कार्य की बात करते हुए बिरला ने कहा कि सत्र के दौरान गैर-सरकारी सदस्यों द्वारा विभिन्न विषयों पर 145 विधेयक पुरःस्थापित किए गए. जनार्दन सिंह 'सीग्रीवाल' द्वारा ‘अनिवार्य मतदान विधेयक, 2019' पर आगे चर्चा 3 दिसम्बर, 2021 को जारी रही, जो उस दिन भी पूरी नहीं हो पाई. इसी प्रकार रितेश पाण्डेय द्वारा ‘आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी सहायिकाओं के लिए कल्याणकारी उपाय' के संबंध में गैर सरकारी सदस्यों के संकल्प पर चर्चा 10 दिसम्बर, 2021 को जारी रही और उस दिन पूरी नहीं हो पाई.
संसद सदस्यों के क्षमता निर्माण के अंतर्गत सभा के समक्ष विचारार्थ विभिन्न महत्वपूर्ण विधेयकों के बारे में 5 ब्रीफिंग सत्रों का आयोजन किया गया. बिरला ने बताया कि सत्र के दौरान प्राइड द्वारा संसद सदस्यों के लिए 3 कार्यक्रम भी आयोजित किए गए. सत्र के दौरान मंगोलिया, वियतनाम और ताजिकिस्तान के संसदीय प्रतिनिधिमंडलो ने भी दौरा किया. साथ ही लोक लेखा समिति (पीएसी) के शताब्दी वर्ष समारोह का भी आयोजन किया गया.
ओम बिरला ने यह भी बताया कि सत्र के दौरान सांसदों के लाभ के लिए एक स्वास्थ्य शिविर संसदीय सौध में आयोजित किया गया. नए संसद भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है और यह सुनिश्चित करने के सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं कि नया संसद भवन अगले साल तक तैयार हो जाए. ओम बिरला ने 21 दिसंबर को प्रश्नकाल की अध्यक्षता करते हुए सांसदों के उपयोग के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च करने की भी घोषणा की.