कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लोकसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र को मंजूरी देने और इसे जारी करने की तिथि निर्धारित करने के लिए अधिकृत किया. पार्टी का कहना है कि यह उसका सिर्फ एक चुनावी घोषणा पत्र नहीं, बल्कि 'न्याय पत्र' होगा. कार्य समिति की बैठक में घोषणा पत्र के उस मसौदे पर विस्तृत चर्चा की गई जिसे पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाली समिति ने तैयार किया है.
पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता वाली कार्य समिति की बैठक में पूर्व पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, घोषणा पत्र समिति के प्रमुख पी चिदंबरम और कार्य समिति के कई अन्य सदस्य शामिल हुए.
बैठक के बाद वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा, 'कांग्रेस कार्य समिति ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र पर विस्तृत चर्चा की. करीब साढ़े तीन घंटे तक चर्चा हुई. चर्चा के बाद कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकृत किया गया कि वह घोषणा पत्र को अनुमोदित करें और इसे जारी करने की तिथि निर्धारित करें.' उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति ने पार्टी की गारंटियों को जमीनी स्तर तक ले जाने के लिए रूपरेखा तैयार की है.
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कार्य समिति की बैठक में कहा कि देश बदलाव चाहता है तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की गारंटी का वही हश्र होने जा रहा है जो 2004 में 'इंडिया शाइनिंग' (भारत उदय) नारे का हुआ था. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को कांग्रेस के घोषणा पत्र को घर-घर तक ले जाना होगा.
कांग्रेस अध्यक्ष का कहना था कि उनकी पार्टी इस लोकसभा चुनाव में जो वादे करने जा रही है उन्हें पूरा करेगी. उन्होंने कहा, 'हम वादे करने के पहले गहराई से ये पड़ताल कर लेते हैं कि उनको पूरा कर पाएंगे या नहीं.' खरगे ने कहा, 'देश बदलाव चाहता है. मौजूदा सरकार की गारंटी का वही हश्र होने जा रहा है जो 2004 में 'इंडिया शाइनिंग' नारे का हुआ था.'
कार्य समिति की बैठक के बाद कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक भी होगी जिसमें 19 अप्रैल से शुरू होने वाले सात चरण के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के शेष उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया जाएगा. कांग्रेस ने अब तक दो अलग-अलग सूचियों में कुल 82 उम्मीदवारों की घोषणा की है.