कांग्रेस नेता अजय माकन ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी को दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं करना चाहिए. हालांकि उन्होंने विकल्पों को खुला रखते हुए कहा कि यह उनके निजी विचार हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद जरूरत पड़ने पर कांग्रेस अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को समर्थन देगी? माकन ने कहा, "यह मेरा निजी विचार है कि आप के साथ कोई गठबंधन नहीं होना चाहिए." अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के कोषाध्यक्ष ने कहा, "मुझे लगता है कि 2013 में आप को (कांग्रेस की ओर से) कोई समर्थन नहीं मिलना चाहिए था और न ही 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कोई गठबंधन होना चाहिए था. हालांकि यह मेरा निजी विचार है."
कोटला रोड पर कांग्रेस के नए मुख्यालय में पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए माकन ने कहा कि वह अपनी पिछली टिप्पणी पर कायम हैं कि केजरीवाल "राष्ट्र-विरोधी" हैं और राजधानी में AAP के मजबूत होने से केवल भाजपा को मदद मिलेगी.
राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत कांग्रेस जरूरी: माकन
केजरीवाल के खिलाफ उनकी "राष्ट्रविरोधी" टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर माकन ने कहा, "मैंने अपना व्यक्तिगत विचार दिया था और मैं अब भी उस पर कायम हूं." उन्होंने कहा कि 2013 में आम आदमी पार्टी को कांग्रेस के समर्थन और 2024 में केजरीवाल के नेतृत्व वाले संगठन के साथ गठबंधन के कारण दिल्ली के लोगों को परेशानी हुई.
माकन ने कहा, "जब दिल्ली के लोगों को परेशानी हुई तो भाजपा को फायदा हुआ, लेकिन यह मेरा निजी विचार है."
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस अब भी आप के साथ जाएगी तो उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि केजरीवाल को दिल्ली में प्रमुखता मिलने से भाजपा को मदद मिलती है. भाजपा से लड़ने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत कांग्रेस का होना जरूरी है." माकन ने कहा कि यदि कांग्रेस जैसी पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत नहीं है तो भाजपा के खिलाफ लड़ना मुश्किल है.
उन्होंने कहा, ''कांग्रेस को कमजोर करके कोई भाजपा से नहीं लड़ सकता.''
दिल्ली राजनीतिक रूप से महत्वहीन नहीं: माकन
माकन ने कहा कि दिल्ली राजनीतिक रूप से कोई महत्वहीन राज्य नहीं है. सभी को पता है कि जो भी पार्टी राजधानी में लोकसभा सीटें जीतती है, वह केंद्र में अपनी सरकार बनाती है.
उन्होंने दावा किया, ''आप दिल्ली में भाजपा के खिलाफ लड़ने में विफल रही है.''
माकन ने कहा कि हरियाणा और दिल्ली दोनों में कांग्रेस आप के साथ गठबंधन करना चाहती थी, लेकिन जेल से रिहा होने के तुरंत बाद केजरीवाल ने खुद घोषणा की कि उनकी पार्टी हरियाणा में सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, “जबकि हम गठबंधन के लिए चर्चा के अग्रिम चरण में थे."
उन्होंने कहा, "जहां तक दिल्ली का सवाल है, केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद खुद घोषणा की थी कि वे दिल्ली चुनाव अपने दम पर लड़ेंगे."
भाजपा के साथ कौन है?: माकन ने किया सवाल
माकन ने कहा कि जब दिल्ली में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी तो कांग्रेस ने राजधानी की सभी सात लोकसभा सीटें जीतीं और भाजपा को यहां रोक दिया. उन्होंने कहा, "उन्हें दिल्ली में रोककर हमने उन्हें केंद्र में सत्ता संभालने से रोक दिया क्योंकि जो कोई भी दिल्ली में लोकसभा सीटें जीतता है वह राष्ट्रीय स्तर पर सरकार बनाता है."
कांग्रेस नेता ने कहा, "जब से आप दिल्ली में सत्ता में आई है, विपरीत हो रहा है और भाजपा केंद्र में सरकार बना रही है क्योंकि उसने सभी सात लोकसभा सीटें जीती हैं. फिर भाजपा के साथ कौन है?"