- कांग्रेस ने SIR के खिलाफ दिल्ली के रामलीला मैदान में दिसंबर में रैली आयोजित करने का ऐलान किया है.
- कांग्रेस का आरोप है कि चुनाव आयोग बीजेपी और PM मोदी के पक्ष में काम कर रहा है और लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है.
- मल्लिकार्जुन खरगे ने का आरोप है कि बीजेपी SIR को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही है.
केंद्र सरकार के एसआईआर का कांग्रेस शुरुआत से ही विरोध कर रही है. अब कांग्रेस SIR के ख़िलाफ़ दिल्ली में रैली निकालने जा रही है. यह रैली दिसंबर के पहले हफ्ते में रामलीला मैदान में आयोजित की जाएगी. रैली का ऐलान SIR पर कांग्रेस की बैठक के बाद संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने किया है. दरअसल SIR वाले राज्यों के वरिष्ठ नेताओं के साथ एक बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक में राहुल गांधी और खरगे शामिल हुए थे.
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कांग्रेस का चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप
कांग्रेस का आरोप है कि चुनाव आयोग बीजेपी और पीएम मोदी के लिए काम कर रहा है. राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे लेकर सभी को आगाह किया था. वहीं केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की नियत लोकतंत्र और विपक्षी दलों को खत्म करने की है. वहीं खरगे ने कहा कि कांग्रेस वास्तविक मतदाताओं को हटाने या फर्जी मतदाताओं को शामिल करने के हर प्रयास का पर्दाफाश करेगी. वह लोकतांत्रिक सुरक्षा उपायों का क्षरण नहीं होने देगी.
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SIR को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश
मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक में कहा कि निर्वाचन आयोग को यह साबित करना होगा कि वह बीजेपी की छाया में काम नहीं कर रहा है. उन्होंने यह दावा भी किया कि बीजेपी एसआईआर का इस्तेमाल हथियार के रूप में करने की कोशिश कर रही है और अगर आयोग इसकी उपेक्षा करता है तो उसकी भी संलिप्तता मानी जाएगी.
SIR पर कांग्रेस की अहम बैठक
खरगे ने उन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रभारियों, राज्य इकाई प्रमुखों, कांग्रेस विधायक दल के नेताओं और सचिवों के साथ समीक्षा बैठक की, जहां मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद जारी है. पार्टी मुख्यालय ‘इंदिरा भवन' में हुई इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे.
बैठक में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के एआईसीसी प्रभारियों, प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुखों के साथ साथ कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता तथा सचिव भी शामिल हुए. यह बैठक ऐसे समय पर हुई जब कांग्रेस को हालिया बिहार विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है और उसने कथित वोट चोरी के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है.













