प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल किए जाने को लेकर मतभेद, सोनिया गांधी लेंगी अंतिम फैसला : सूत्र

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के कांग्रेस (Congress) में शामिल होने को लेकर अंतिम फैसला पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) लेंगी. सूत्रों ने NDTV को बुधवार को यह जानकारी दी.

Advertisement
Read Time: 20 mins
नई दिल्ली:

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के कांग्रेस (Congress) में शामिल होने को लेकर अंतिम फैसला पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) लेंगी. सूत्रों ने NDTV को बुधवार को यह जानकारी दी. प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल करने को लेकर सोनिया गांधी कई वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करेंगी, जिनमें से कई इसके विरोध में हैं. नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड को छोड़ कर आए प्रशांत किशोर की जुलाई में सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी के साथ कई बैठकें हुई थी जहां पार्टी में उनकी भूमिका को लेकर विस्तार से चर्चा हुई थी.

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने पिछले उत्तर प्रदेश चुनावों में प्रशांत किशोर के साथ काम किया था और सूत्रों का कहना है कि उन्हें उनके पार्टी में शामिल होने से कोई आपत्ति नहीं है.

प्रशांत किशोर के कांग्रेस में आने से क्‍या होगा फायदा-नुकसान, राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं के साथ किया मंथन

लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता इसे लेकर बंटे हुए हैं, कुछ का कहना है कि यह पार्टी के लिए अच्छा विकल्प होगा. दूसरों का कहना है कि वाइल्ड कार्ड एंट्री से कोई फर्क नहीं पड़ेगा और गांधी परिवार को पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को सुनने और उनसे जुड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए, जो उन्होंने करना बंद कर दिया है.

प्रशांत किशोर ने पार्टी की सार्वजनिक रैलियां, विपक्षी नेताओं को साथ लाने की कवायद व अन्य योजनाओं की एक लिस्ट शेयर की थी जो शायद कांग्रेस को रास ना आए.

विरोधी गुट से ताल्लुक नहीं रखने वाले एक नेता ने बताया कि "प्रशांत किशोर के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है." उन्होंने कहा कि चुनावी रणनीतिकार को पार्टी की संस्कृति और दृष्टिकोण के अनुकूल होने में परेशानी हो सकती है.

Advertisement

कांग्रेस ज्‍वॉइन कर सकते हैं चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर, पार्टी सूत्रों ने दिए संकेत

अहमद पटेल की मृत्यु के बाद, अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ऐसे सलाहकारों की तलाश में हैं जो पार्टी को पुनर्जीवित करने में मदद सकें, जिसे लगातार कई राज्यों में चुनावों में हार का सामना करना पड़ा.

हालांकि, प्रशांत किशोर का कांग्रेस के साथ अनुभव संतोषजनक नहीं रहा है और अतीत में, उन्होंने पार्टी और इसकी कार्यशैली की आलोचना की थी.

Advertisement

2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-समाजवादी पार्टी का गठबंधन विफल हो गया था. किशोर के लिए, एकमात्र कामयाब जगह पंजाब रहा, जहां कांग्रेस ने अकाली-भाजपा गठबंधन को हराया था.

मई में, प्रशांत किशोर ने कहा था कि कांग्रेस एक "100 साल पुरानी राजनीतिक पार्टी है और उनके काम करने के अपने तरीके हैं."

Advertisement

उन्होंने कहा था, "वे प्रशांत किशोर या अन्य लोगों द्वारा सुझाए गए तरीकों पर काम करने के लिए तैयार नहीं हैं. वे मेरी कार्यशैली के साथ काम करने के लिए तैयार नहीं होंगे." उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को मान लेना चाहिए कि उसके साथ कुछ समस्या है और उसके बारे में उसे कुछ करना चाहिए."

क्या प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं?

Featured Video Of The Day
Jammu Kashmir में गृह मंत्री Amit Shah ने कहा...'आतंकवाद को इतना नीचे दफना देगी कि सात पुश्तों तक वापस नहीं आएगा'
Topics mentioned in this article