कोरेगांव-भीमा विजय स्मारक ध्वस्त करने की धमकी के लिए कांग्रेस ने की दक्षिणपंथी संगठन की निंदा

ब्रिटिश सेना की बड़ी संख्या में दलित महार सैनिकों वाली टुकड़ी ने मराठा राज्य की पेशवा सेना को हराया था. एक जनवरी 1818 के कोरेगांव भीमा युद्ध में मारे गए सैनिकों की याद में ब्रिटिश शासन ने विजय स्मारक स्थापित किया था.

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भीमा कोरेगाव में दलितों की रैली (फाइल फोटो)
नागपुर:

कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नितिन राउत ने गुरुवार को कथित तौर पर दक्षिणपंथी संगठन द्वारा एक जनवरी को कोरेगांव भीमा विजय स्मारक को ध्वस्त करने की धमकी पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कुछ भी होता है तो उसका माकूल जवाब मिलेगा.

यहां विधान भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में राउत ने दावा किया, ‘‘करणी सेना ने चेतावनी दी है कि वह एक जनवरी को मनाए जाने वाले शौर्य दिवस पर कोरेगांव भीमा स्थित विजय स्तंभ को ध्वस्त कर देगी.''

उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र शांतिपूर्ण राज्य है और कुछ संगठनों द्वारा इस तरह का उकसावा ठीक नहीं है. महाराष्ट्र की जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी.''

राउत ने कहा, ‘‘संगठन भीम को मानने वालों को उकसा रहे हैं और समाज में खाई पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. अगर वे ऐसा कुछ करते हैं तो उन्हें माकूल जवाब मिलेगा.''

गौरतलब है कि दलित कथानक के मुताबिक सन 1818 में कोरेगांव भीमा की लड़ाई में जातिवाद पर जीत मिली थी, क्योंकि ब्रिटिश सेना की बड़ी संख्या में दलित महार सैनिकों वाली टुकड़ी ने मराठा राज्य की पेशवा सेना को हराया था. एक जनवरी 1818 के कोरेगांव भीमा युद्ध में मारे गए सैनिकों की याद में ब्रिटिश शासन ने विजय स्मारक स्थापित किया था.

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