समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को कांग्रेस से सवाल किया कि वह बताए कि सपा के साथ गठबंधन करेगी या नहीं. उन्होंने कहा, ‘‘समाजवादी पार्टी को कांग्रेस धोखे में न रखे क्योंकि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से लड़ने वाली पहली पार्टी सपा है और कांग्रेस को जब जरूरत होगी तब सपा ही उसके काम आएगी.' अखिलेश यादव का यह बयान ऐसे समय आया है जब मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाने को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गतिरोध उत्पन्न होने की खबरें आ रही हैं.
हरदोई में ‘लोक जागरण' अभियान यात्रा के तहत कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर में पहुंचे अखिलेश यादव ने पत्रकारों से कहा,‘‘हमें बता देते कि प्रदेश स्तर पर हमें कोई गठबंधन नहीं करना है. राष्ट्रीय स्तर पर जो चुनाव होगा उसमें ही गठबंधन होगा.'' अखिलेश यादव ने कहा,‘‘आपने बुलाया, आपने बातचीत की. आप (कांग्रेस) हमसे सीधा कह दें कि समाजवादियों की हमें कोई जरूरत नहीं, हम आपसे वादा करते हैं कि हम एक बार भी गठबंधन की बात नहीं करेंगे. मुझे कांग्रेस के लोग बोल दें कि हमें समाजवादी पार्टी से गठबंधन नहीं करना हैं. वे हमारे खिलाफ साजिश तो न करें, हमें धोखा तो न दें. अगर उन्हें गठबंधन करना है तो करें, नहीं करना है तो हमें साफ बता दें, ताकि हम अपनी तैयारी करें और भाजपा को हरा सकें.''
अखिलेश यादव ने कहा,‘‘मैं एक बात पूछता हूं कि अगर आपको गठबंधन नहीं करना था तो हमें (‘इंडिया' गठबंधन की बैठक में) बुलाया ही क्यों था. इसका जवाब तो कोई दे. हमें बता देते कि प्रदेश स्तर पर हमें कोई गठबंधन नहीं करना हैं, भारत स्तर पर जो चुनाव होगा, बस उसमें गठबंधन होगा.''
सपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘उन्हें कभी ऐसा लगे कि समाजवादियों की जरूरत होगी तो वे हमें बुला सकते हैं. हमारे राम मनोहर लोहिया और नेताजी (मुलायम सिंह यादव) कह चुके हैं कि जब कांग्रेस सबसे ज्यादा कमजोर होगी और उसे जब जरूरत होगी तो वह आपको बुलाएगी, आप मना मत करना, कांग्रेस का साथ दे देना. इसलिए हम अपनी पुरानी परंपरा में चले जाएंगे.''
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं देने से नाराज सपा प्रमुख ने पिछले दिन संकेत दिया था कि कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी से वैसा ही बर्ताव मिल सकता है. सपा प्रमुख की नाराजगी के बाद कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय ने शुक्रवार को पलटवार करते हुए कहा कि सपा उनकी पार्टी को दोष नहीं दे सकती क्योंकि उसने कांग्रेस से पहले अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की थी और अलग से चुनाव लड़कर भाजपा को मजबूती दे रही है.
मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए 17 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए सपा ने अब तक 31 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है. 2018 के मध्य प्रदेश चुनावों में सपा ने आदिवासी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ गठबंधन में 1.30 प्रतिशत वोट हासिल करके एक सीट (बुंदेलखंड क्षेत्र में बिजावर) जीती और पांच पर दूसरे स्थान पर रही.
विपक्षी ‘इंडिया' गठबंधन मुख्य रूप से 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ एकजुट मोर्चा बनाने के लिए अस्तित्व में आया. उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला करते हुए अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार में महंगाई, बेरोजगारी, अन्याय और अत्याचार चरम पर है. उन्होंने कहा कि ‘‘उत्तर प्रदेश में सपा ही भाजपा का मुकाबला कर सकती है, इसलिए भाजपा सरकार सबसे ज्यादा अन्याय और अत्याचार समाजवादी पार्टी के नेताओं पर कर रही है. भाजपा से हर मुकाबले के लिए समाजवादियों को तैयार रहना होगा.''