कांग्रेस ने अपने नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता के रद्द किए जाने के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन करने का फैसला किया है. यह फैसला शुक्रवार को कांग्रेस की बैठक में लिया गया है. इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के अलावा सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे. इस बैठक के खत्म होन के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि हमने इस मुद्दे पर पार्टी की राजनीतिक कार्रवाई को लेकर चर्चा की. हमने एक मत से फैसला किया है कि आने वाले दिनों में हम इस फैसले के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन करेंगे.
उन्होंने कहा कि इस बैठक में पार्टी ने तमाम विपक्षी पार्टियों द्वारा इस मामले को लेकर कांग्रेस के साथ खड़े होने की भी सराहन की है. हम सभी दलों के समर्थन के लिए धन्यवाद करते हैं. हमे इस मुद्दे को लेकर विपक्ष को एक करते हुए सरकार पर हमला बोलना है. कांग्रेस अध्यक्ष पहले भी विपक्षी दलों से संसद में बात करते रहे हैं लेकिन अब लड़ाई संसद के बाहर भी की जाएगी. हम गलत के खिलाफ आवाज उठाएंगे और एक साथ आवाज बुलंद करेंगे.
बता दें कि राहुल गांधी मानहानि केस में दोषी करार दिए जाने और 2 साल की सजा के बाद उनकी संसद की सदस्यता शुक्रवार को रद्द कर दी गई. इस मुद्दे पर आगे की रणनीति तय करने के लिए कांग्रेस ने मीटिंग बुलाई गई थी. इस मीटिंग में सोनिया गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, राजीव शुक्ला और तारिक अनवर, वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, अंबिका सोनी, मुकुल वासनिक, सलमान खुर्शीद और पवन कुमार बंसल भी उपस्थित थे.
वहीं, राहुल पर एक्शन से पहले कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों ने पहले संसद और फिर दिल्ली की सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन किया. विपक्षी दलों ने विजय चौक तक मार्च निकाला, जो पोस्टर विपक्षी सांसदों ने लिए थे, उन पर लिखा था- लोकतंत्र खतरे में है.
लोकसभा की वेबसाइट से हटा राहुल का नाम
संसद के निचले सदन यानी लोकसभा के सचिवालय ने शुक्रवार को एक नोटिस में कहा, "राहुल गांधी अपनी सजा की तारीख से लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य हो गए हैं." लोकसभा की वेबसाइट से भी राहुल का नाम हटा दिया गया है.