पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को देशभर में प्रदर्शन किया. बीते एक साल में पेट्रोल और डीजलों की कीमत में करीब 20 से 25 रुपए तक की वृद्धि हुई है. दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश तक कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने बढ़ती कीमतों के विरोध में तांगे पर बैठकर और पेट्रोल पंप के सामने खड़े होकर प्रदर्शन किया.कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद कांग्रेस का ये पहला बड़ा प्रदर्शन है. कांग्रेस के कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने कहा, 'बीते साल भर लगातार पेट्रोल डीजल के दाम दाम बढ़ रहे हैं लेकिन कोरोना की वजह हम लोग प्रदर्शन नहीं कर पाए. अब हम लोग सड़कों पर उतरे हैं लेकिन अब सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर हम लोग चार सौ जगह प्रदर्शन कर रहे हैं.
इससे पहले पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम के खिलाफ गुरुवार को यूथ कांग्रेस ने प्रधानमंत्री समेत पेट्रोलियम मंत्री को एक साइकिल कूरियर करने का अभियान भी चलाया था लेकिन इस तरह के तमाम रचनात्मक विरोध प्रदर्शनों के बावजूद कांग्रेस को न तो मीडिया और न ही आम लोगों के बीच बहुत ज्यादा महत्व मिलता दिखाई पड़ रहा है. आम आदमी मंहगाई से जूझ रहा है लेकिन फिर भी इन विरोध प्रदर्शनों को लेकर उत्साहित नहीं है.
गौरतलब है कि देशभर में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से मंहगाई पर इसका असर पड़ा है.केंद्र सरकार पेट्रोल पर करीब 32 रुपए टैक्स और राज्य सरकार करीब 13 रुपए टैक्स वसूलती है. बीते 15 महीने में दामों को अगर देखें तोपिछले साल 1 अप्रैल को मुंबई में पेट्रोल 75 रुपए 28 पैसे थे वहीं अब यह बढ़कर करीब 100 रुपए हो गए हैं. इसी तरह पिछले साल मुंबई में डीजल के दाम 65.19 पैसे थे वहीं अब बढ़कर 92.69 रुपए हो गए हैं. लेकिन पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों पर चिंतित कांग्रेस अपने शासित राज्य में डीजल और पेट्रोल पर टैक्स क्यों नहीं कम करती, इसका सीधा जवाब कांग्रेसी नेताओं के पास भी नहीं है. कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा, ' केंद्र सरकार को टैक्स घटाना चाहिए, राज्य सरकार के घटाने से क्या होगा. प्रधानमंत्री के पास महल बनवाने के लिए पैसा है लेकिन टैक्स कम करने के लिए नहीं है.'