पंजाब कांग्रेस में नहीं थमी कलह: 'जिन उद्देश्यों के लिए CM बने चन्नी, वे नाकाम', मनीष तिवारी का अपनी ही सरकार पर हमला

तिवारी ने कहा, "सीएम बनाम पीसीसी अध्यक्ष की लड़ाई में क्या आपको लगता है कि पंजाब के लोग इस डेली सोप ओपेरा से घृणा नहीं करते होंगे? विडंबना यह है कि जिन लोगों ने सबसे अधिक उल्लंघन की शिकायतें की, दुर्भाग्य से वे सभी स्वयं सबसे खराब अपराधी बने हुए हैं."

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
मनीष तिवारी ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और पार्टी के पूर्व प्रभारी हरीश रावत पर पलटवार किया है.
चंडीगढ़:

पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में अभी भी अंदरुनी कलह थमने का नाम नहीं ले रही है. पंजाब से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और पार्टी के पूर्व प्रभारी हरीश रावत पर पलटवार किया है. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि राज्य में जिन मुद्दों को हल करने के लिए नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति हुई थी, वो सभी फेल रहे हैं.

इंडियन एक्सप्रेस को दिए हरीश रावत के एक इंटरव्यू का जिक्र करते हुए तिवारी ने उनके नेतृत्व में कांग्रेस में अमरिंदर सिंह बनाम नवजोत सिंह की लड़ाई को नहीं सुलझाने का आरोप लगाया. तिवारी ने कहा कि जिस समिति ने प्रत्यक्ष रूप से कथित और वास्तविक शिकायतों को सुना, उसके निर्णय में एक गंभीर त्रुटि थी. 

हरीश रावत की जगह हरीश चौधरी बने पंजाब के कांग्रेस प्रभारी

उन्होंने पूछा कि पार्टी विधायकों और अन्य गणमान्य लोगों को उत्तेजित करने वाले मुद्दों पर अब तक क्या प्रगति हुई है? लूट, ड्रग्स, अवैध रेत खनन जैसे मुद्दों का क्या हुआ? क्या इस दिशा में कुछ भी प्रगति हुई?

तिवारी ने कहा, "सीएम बनाम पीसीसी अध्यक्ष की लड़ाई में क्या आपको लगता है कि पंजाब के लोग इस डेली सोप ओपेरा से घृणा नहीं करते होंगे? विडंबना यह है कि जिन लोगों ने सबसे अधिक उल्लंघन की शिकायतें की, दुर्भाग्य से वे सभी स्वयं सबसे खराब अपराधी बने हुए हैं."

''धर्मनिरपेक्षता के बारे में बात करना बंद कीजिए'' : पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस पर बोला 'हमला'

हरीश रावत ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि मनीष तिवारी जी हमारे बहुत वरिष्ठ नेता हैं, बहुत सक्षम, बुद्धिमान हैं लेकिन उन्हें पंजाब की जमीनी स्थिति को समझना चाहिए. यह सिर्फ सुरक्षा का मामला नहीं है, बल्कि सरकार के बने रहने का भी मामला है. जब विधायक बगावत कर रहे होते हैं तो सरकार की स्थिरता खतरे में पड़ जाती है...माननीय सीएम (सिंह) ने शायद ही कभी सीएलपी की बैठक बुलाई हो, या अपने विधायकों के साथ इन मुद्दों को संबोधित किया हो.

Advertisement

VIDEO: Prime Time With Ravish Kumar: Aryan Khan की जमानत और कानून के सवाल

Featured Video Of The Day
Mumbai में दिल दहला देने वाला Accident, 19 साल के किशोर ने 4 साल के बच्चे को कार से कुचला