कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर करवाकर केंद्र सरकार ने 'भारत माता के महान सपूत और सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री' का सरासर अपमान किया है. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने यह भी कहा कि सरकार को देश के महान पुत्र और उनकी गौरवशाली कौम के प्रति आदर दिखाना चाहिए था.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर पलटवार किया और उस पर मनमोहन सिंह के निधन को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया. नड्डा ने कहा कि इस घटिया सोच के लिए कांग्रेस की जितनी भी निंदा की जाए, कम है.
भारत में आर्थिक सुधारों के जनक कहे जाने वाले पूर्व वित्त मंत्री और दो बार प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार को निधन हो गया था. वह 92 साल के थे. उनका अंतिम संस्कार शनिवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ निगमबोध घाट पर किया गया.
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'भारत माता के महान सपूत और सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार आज निगमबोध घाट पर करवाकर वर्तमान सरकार द्वारा उनका सरासर अपमान किया गया है.'
उन्होंने कहा कि वह एक दशक तक भारत के प्रधानमंत्री रहे और उनके दौर में देश आर्थिक महाशक्ति बना और उनकी नीतियां आज भी देश के गरीब और पिछड़े वर्गों का सहारा हैं.
राहुल गांधी के मुताबिक, आज तक सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों की गरिमा का आदर करते हुए उनके अंतिम संस्कार अधिकृत समाधि स्थलों में किए गए ताकि हर व्यक्ति बिना किसी असुविधा के अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि दे पाए.
उन्होंने कहा, 'डॉ. मनमोहन सिंह हमारे सर्वोच्च सम्मान और समाधि स्थल के हकदार हैं. सरकार को देश के इस महान पुत्र और उनकी गौरवशाली कौम के प्रति आदर दिखाना चाहिए था.'
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने आरोप लगाया कि मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए यथोचित स्थान उपलब्ध नहीं करा कर सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री के पद की गरिमा, मनमोहन सिंह जी की शख्सियत, उनकी विरासत और खुद्दार सिख समुदाय के साथ न्याय नहीं किया.
उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'इससे पहले सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों को सर्वोच्च सम्मान और आदर दिया गया था. डॉ मनमोहन सिंह जी इस सम्मान और समाधि स्थल के हकदार हैं. आज पूरी दुनिया उनके योगदान को याद कर रही है.'
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को इस मामले में राजनीति और तंगदिली से हटकर सोचना चाहिए था.''
प्रियंका गांधी ने कहा, 'आज सुबह डॉ मनमोहन सिंह जी के परिवारजनों को चितास्थल पर जगह के लिए मशक्कत करते, भीड़ में जगह पाने की कोशिश करते और जगह के अभाव में आम जनता को परेशान होते और सड़क से ही श्रद्धांजलि देते देखकर ये महसूस हुआ.'
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने दावा किया कि मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में असम्मान और कुप्रबंधन देखने को मिला. उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'डीडी (दूरदर्शन) को छोड़कर किसी भी समाचार एजेंसी को अनुमति नहीं दी गई. डीडी ने मोदी और शाह पर ध्यान केंद्रित किया. सिंह के परिवार को बमुश्किल ही कवर किया.'
उन्होंने दावा किया कि सिंह के परिवार के लिए केवल तीन कुर्सियां सामने की पंक्ति में रखी गईं. कांग्रेस नेताओं को उनकी बेटियों और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए सीट की व्यवस्था की खातिर जद्दोजहद करनी पड़ी.
खेड़ा ने कहा, 'राष्ट्रीय ध्वज को उनकी पत्नी को सौंपे जाने या गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान प्रधानमंत्री और मंत्रियों ने खड़े होने की जहमत नहीं उठाई. अंतिम संस्कार के लिए चिता के आसपास परिवार को पर्याप्त स्थान नहीं दिया गया.''
उन्होंने दावा किया कि आम जनता को अंदर आने से रोका गया और वह बाहर से ही कार्यक्रम को देखने के लिए मजबूर रही. खेड़ा ने दावा किया कि गृह मंत्री अमित शाह के काफिले ने शव यात्रा को बाधित कर दिया, जिससे सिंह के परिवार की गाड़ियां बाहर रह गईं, गेट बंद कर दिया गया और परिवार के सदस्यों को ढूंढकर वापस अंदर लाना पड़ा.
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि अंतिम संस्कार की रस्में निभाने वाले पोतों को चिता तक पहुंचने के लिए संघर्ष करना पड़ा तथा विदेशी राजनयिकों को कहीं और बैठाया गया और वे नज़र नहीं आए.
खेड़ा ने दावा किया, 'हैरानी की बात यह रही कि जब भूटान के नरेश खड़े हुए, तो प्रधानमंत्री मोदी खड़े नहीं हुए....'' उन्होंने कहा, 'इस महान राजनेता के साथ इस अपमानजनक व्यवहार से सरकार की प्राथमिकताओं और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उसकी असंवेदनशीलता उजागर होती है.''
भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने कांग्रेस नेताओं पर पलटवार करते हुए कहा, 'यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी देश के पूर्व प्रधानमंत्री सम्मानीय मनमोहन सिंह जी के दुखद देहावसान पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं. कांग्रेस की इस घटिया सोच के लिए जितनी भी निंदा की जाए, कम है.'
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को जीते-जी कभी भी वास्तविक सम्मान नहीं दिया, लेकिन अब उनके सम्मान के नाम पर राजनीति कर रही है.
आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी इस विषय को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, 'ये खबर सुनकर मैं स्तब्ध हूं. भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर किया गया. इसके पूर्व भारत के सभी प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार राजघाट पर किया जाता था.'
केजरीवाल ने सवाल किया कि सिख समाज से आने वाले, पूरी दुनिया में ख्यातिप्राप्त, 10 वर्ष भारत के प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और समाधि के लिए भाजपा सरकार 1000 गज़ जमीन भी न दे सकी?
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि सिंह का अंतिम संस्कार ऐसे स्थान पर होना चाहिए जहां उनका स्मारक भी बन सके. उधर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार रात कहा था कि सरकार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटित करेगी.
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लिखा, देश के सम्मानीय पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के दुःखद निधन पर कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं द्वारा की जा रही शर्मनाक राजनीति अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है. पूरा देश इस बात को भली- भांति जानता है कि कांग्रेस ने जीते जी आदरणीय मनमोहन सिंह जी को कभी सम्मान नहीं दिया. बाबा साहब अंबेडकर से लेकर सरदार पटेल, पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी एवं श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जैसी महान शख्सियतों को कांग्रेस पार्टी ने सदैव अपमानित करने का काम किया है.'