संसदीय समितियों में बड़ा फेरबदल, केंद्र ने कांग्रेस से वापस ली आईटी-गृह मामलों की कमेटी की अध्यक्षता

इस फेरबदल के साथ गृह विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, रक्षा विभाग, विदेश विभाग, वित्त विभाग व स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी छह बड़ी संसदीय समितियों के अध्यक्ष के पद बीजेपी या उसके सहयोगी दलों के पास चले गए हैं.

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वाणिज्य व रासायनिक उर्वरकों से संबंधित संसदीय समितियों के अध्यक्षों की अब तक घोषणा नहीं की गई है.
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने कांग्रेस (Congress) से गृह विभाग की संसदीय समिति (Parliamentary Committee) की अध्यक्षता वापस ले ली है. इसके साथ ही विदेश मामले विभाग, रक्षा विभाग, वित्त विभाग की सभी अहम संसदीय समितियों के अध्यक्ष पद सत्तारूढ़ बीजेपी के पास चले गए हैं. संसदीय समितियों में फेरबदल को लेकर मंगलवार को इसका ऐलान किया गया. संसदीय समितियों के पुनर्गठन (Parliamentary Committees Reshuffle) में गृह विभाग से संबंधित संसदीय समिति के अलावा कांग्रेस को सूचना प्रौद्योगिकी मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष का पद भी नहीं दिया गया है. हर साल इन समितियों का पुनर्गठन किया जाता है.

सूत्रों के अनुसार, वाणिज्य व रासायनिक उर्वरकों से संबंधित संसदीय समितियों के अध्यक्षों की अब तक घोषणा नहीं की गई है. संभावना है कि इन समितियों के अध्यक्ष पद कांग्रेस को दिए जा सकते हैं. समितियों के अध्यक्ष पद का आवंटन संसद के किसी भी सदन में पार्टी के संख्याबल के आधार पर किया जाता है. लोकसभा और राज्यसभा सचिवालयों द्वारा अधिसूचित संसदीय समितियों के पुनर्गठन में कई समितियों के अध्यक्ष बदल दिए गए हैं.

इस फेरबदल के साथ गृह विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, रक्षा विभाग, विदेश विभाग, वित्त विभाग व स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी छह बड़ी संसदीय समितियों के अध्यक्ष के पद बीजेपी या उसके सहयोगी दलों के पास चले गए हैं.

थरूर की जगह लाए गए शिंदे गुट के सांसद 
गृह विभाग संबंधी संसदीय समिति के अध्यक्ष पद पर कांग्रेस सांसद अभिषेक मुन सिंघवी के स्थान पर अब बीजेपी सांसद और सेवानिवृत आईपीएस अधिकारी बृजलाल को लाया गया है. वहीं, सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी संसदीय समिति में अब कांग्रेस सांसद शशि थरूर की जगह शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट के सांसद प्रतापराव जाधव को अध्यक्ष बनाया गया है.

टीएमसी को भी दिया झटका
खाद्य और उपभोक्ता मामलों से संबंधित संसदीय समिति के अध्यक्ष का पद तृणमूल कांग्रेस के पास था, लेकिन फेरबदल के बाद उसे इस समिति की अध्यक्षता नहीं सौंपी गई है. तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है. दूसरी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी को भी एक भी अध्यक्ष पद नहीं मिला है. सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के हाथों से भी दो स्थायी समितियों के अध्यक्ष का पद चला गया है. यह नए भारत की कठोर सच्चाई है."

सपा नेता रामगोपाल यादव से भी छीना पद
दूसरी ओर स्वास्थ्य व परिवार कल्याण से संबंधित संसदीय समिति के अध्यक्ष पद से सपा नेता रामगोपाल यादव को हटा दिया गया है. खाद्य मामलों की संसदीय समिति की अध्यक्ष बीजेपी सांसद लॉकेट बनर्जी और स्वास्थ्य मामलों से संबंधित समिति का अध्यक्ष उनके पार्टी सहयोगी विवेक ठाकुर को बनाया गया है. डीएमके को उद्योग मामलों की संसदीय समिति की अध्यक्षता दी गई है, जो अब तक टीआरएस के पास थी.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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