'कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा?', चुनावी सप्ताह में भी इस पर तस्वीर अब तक साफ नहीं हो पायी है. सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि राहुल गांधी एक बार फिर से अध्यक्ष बनने के लिए राजी नहीं हैं. उन्हें मनाने की तमाम कोशिशें भी विफल साबित हुई हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. वहीं अब कांग्रेस के सदस्यों की अपील ठुकराते हुए वो अपने फैसले पर अड़े हुए हैं.
वर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी स्वास्थ्य कारणों से फिर से अध्यक्ष बनने से इनकार किया है. सूत्रों का कहना है कि इसके बाद 137 साल पुरानी पार्टी के अधिकांश सदस्य इस पद के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा की तरफ देख रहे हैं. उनका मानना है कि गांधी परिवार का ही कोई सदस्य पार्टी को बेहतर चला सकता है. वहीं उत्तर प्रदेश की प्रभारी के तौर पर उनका प्रदर्शन भी कई लोगों के दिमाग में है.
सूत्रों की मानें तो पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम पर भी चर्चा हो रही है. इसका मतलब है कि कांग्रेस का नया अध्यक्ष गैर-गांधी नेता होने की संभावना है.
आम सहमति के अभाव में शनिवार से शुरू होने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के कार्यक्रम पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं. हालांकि पार्टी ने फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है.
कांग्रेस के दिग्गज नेता भक्त चरण दास ने एनडीटीवी से कहा, "हां, उन्होंने (राहुल गांधी) कहा है कि उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है, लेकिन हम उस पर काम कर रहे हैं और उनसे पदभार संभालने का अनुरोध कर रहे हैं. उन्हें हमें बताना होगा कि यह पद कैसे भरा जाएगा."
राहुल गांधी ने हालांकि, सरकार के खिलाफ कांग्रेस के अभियान का नेतृत्व करना जारी रखा है. वह सितंबर में एक विशाल रैली को संबोधित करेंगे और कन्याकुमारी से 'भारत जोड़ो यात्रा' की शुरुआत करेंगे.
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, "हां, हम एक रैली का आयोजन कर रहे हैं और राहुल गांधी उसका नेतृत्व कर रहे हैं. हम अध्यक्ष के चुनाव को लेकर आश्वस्त नहीं हैं."
कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व संकट सालों से बरकरार है और लगातार चुनावी हार के बाद कई बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है.
मार्च में, सोनिया गांधी ने पार्टी की विधानसभा चुनाव में हार पर चर्चा करने के लिए एक बैठक में वरिष्ठ नेताओं को अपने भाषण में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ इस्तीफे की पेशकश की थी. हालांकि, उन्हें चुनाव तक बने रहने के लिए राजी कर लिया गया था. पिछली बार 1998 में सीताराम केसरी कांग्रेस के गैर-गांधी नेता अध्यक्ष बने थे.
मई में उदयपुर में एक बड़ी बैठक में कांग्रेस ने पुनरुद्धार के लिए विस्तृत रणनीतियों पर चर्चा की थी. अभी जो कोई भी कांग्रेस अध्यक्ष चुना जाता है, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भाजपा के खिलाफ 2024 के चुनावों में संघर्ष के लिए पार्टी का नेतृत्व करने के कठिन काम का सामना करना पड़ेगा. जिनके सामने पार्टी दो चुनाव हार चुकी है.