"पंजाब देश की ढाल है लेकिन उसे ...", जेल से रिहा होने के बाद बोले कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू

नवजोत सिंह सिद्धू ने जेल से बाहर आते ही कहा कि आज के समय में अगर कोई क्रांति है तो उसका नाम है राहुल गांधी.

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10 महीने की सजा काटने के बाद जेल से बाहर आए नवजोत सिंह सिद्धू

नई दिल्ली:

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला जेल से रिहा हो गए हैं. वो 10 महीने की सजा काटने के बाद बाहर निकले हैं. उन्होंने जेल से बाहर आते ही कहा कि आज के समय में अगर कोई क्रांति है तो उसका नाम है राहुल गांधी. मैं तो ये जानता हूं कि देश में जब जब तानाशाही आई तब क्रांति भी साथ ही आई. इस बार इस क्रांति का नाम राहुल गांधी है. आज लोकतंत्र पर बेड़ियां लगाई जा रही हैं. पंजाब देश की ढाल है और इसे तोड़ने की कोशिश की जा रही है. पंजाब को कमजोर करने वाले खुद कमजोर होंगे. सिद्धू ने कहा कि मैं चट्टान की तरह राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ हूं.

मैं आपको ये भी बता दूं कि कांग्रेस के कार्यकर्ता कोई बर्फ नहीं हैं जो पिघल जाएंगे. वो आज भी खड़े हैं और आगे भी खड़े रहेंगे. इसलिए मैं कहता हूं कि जो सत्य की आवाज है वो ही सही है. मैं तो पंजाब के सीएम भगवंत मान से पूछना चाहता हूं कि आपने पहले बड़े सपने दिखाए थे. लेकिन आज पंजाब में कानून व्यवस्था की जो हालत है वो किसी से छिपी नहीं है.  

गौरतलब है कि रोड रेज के मामले में 59 वर्षीय सिद्धू एक साल जेल की सजा काट रहे थे. वहीं कैंसर से जूझ रहीं उनकी पत्नी नवजोत कौर ने सिद्धू की जेल से रिहाई से पहले एक भावनात्मक ट्वीट साझा किया है. उन्होंने लिखा, "सिद्धू को सबक सिखाने के लिए भगवान से मौत मांगी थी. पंजाब के लिए उनके पति के प्यार ने उन्हें किसी भी लगाव के दायरे से बाहर कर दिया था."

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नवजोत कौर सिद्धू ने पति के रिहाई से पहले एक ट्वीट किया था. जिसमें उन्होंने लिखा था कि बिल्कुल सही: आपका इंतजार किया, आपको बार-बार न्याय से वंचित होते हुए देखा. सत्य इतना शक्तिशाली है. लेकिन यह बार-बार आपकी परीक्षा लेता है. क्षमा करें, आपका इंतजार नहीं कर सकती, क्योंकि यह चरण 2 का घातक कैंसर है. आज सर्जरी के लिए जा रही हूं. किसी एक को दोष नहीं दिया जाना चाहिए, क्योंकि यह भगवान की योजना है.

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बता दें कि वर्ष 1988 के रोड रेज के मामले में 59 वर्षीय सिद्धू एक साल जेल की सजा काट रहे हैं. पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने पटियाला की एक अदालत में आत्मसर्मण कर दिया था जिसके बाद उन्हें पिछले साल 20 मई को जेल भेज दिया गया. उच्चतम न्यायालय ने उन्हें एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.

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उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि अपर्याप्त सजा देने के लिए दिखाई गई कोई भी सहानुभूति न्याय प्रणाली को और अधिक नुकसान पहुंचाएगी और इससे कानून के प्रभाव के प्रति जनता के भरोसे पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा. इस घटना में 65 साल के एक बुजुर्ग व्यक्ति गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी. वर्मा ने कहा कि पंजाब जेल नियमावली के मुताबिक अच्छे चालचलन वाला दोषी छूट पाने का हकदार है. वर्मा ने कहा कि बहुत अधिक संभावना है कि उन्हें शनिवार को पटियाला जेल से रिहा कर दिया जाएगा.

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