बेंगलुरु में विपक्ष एकता की मीटिंग के लिए कांग्रेस ने AAP को भेजा न्योता, पार्टी ने तुरंत रख दी ये शर्त

आप के संगठन महामंत्री संदीप पाठक ने कहा, "बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक के लिए आम आदमी पार्टी को कांग्रेस से आमंत्रण मिला है. आप की गुजारिश है कि संसद सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस केंद्र के अध्यादेश पर अपना रुख साफ करे.

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अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस से केंद्र के अध्यादेश पर रुख साफ करने को कहा है.
नई दिल्ली:

अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2024) के मद्देनजर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और बीजेपी के खिलाफ एकजुटता के लिए विपक्ष की बेंगलुरु में दूसरी बैठक होने वाली है. इस बैठक में शामिल होने के लिए कांग्रेस (Congress) ने आम आदमी पार्टी (AAP) को निमंत्रण भेजा है. AAP के संगठन महामंत्री संदीप पाठक ने इसकी पुष्टि की है. इससे पहले आप ने दिल्ली सरकार को लेकर केंद्र के अध्यादेश के विरोध को लेकर कांग्रेस का समर्थन नहीं मिलने पर विपक्षी एकता से अलग होने की बात कही थी. विपक्षी दलों की अगली बैठक 17 और 18 जुलाई को होगी.

इस बैठक को लेकर आप के संगठन महामंत्री संदीप पाठक ने कहा, "बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक के लिए आम आदमी पार्टी को कांग्रेस से आमंत्रण मिला है. पटना की मीटिंग में कांग्रेस पार्टी ने सभी के सामने कहा था कि संसद सत्र के 15 दिन पहले वो दिल्ली की जनता के पक्ष में इस अध्यादेश के विरोध का ऐलान करेगी. करेंगे. संसद सत्र 20 जुलाई से है. ऐसे में हम कांग्रेस पार्टी से निवेदन करते हैं कि वो अध्यादेश पर अपना रुख साफ करे. हमें उम्मीद है कि कांग्रेस पार्टी समर्थन का ऐलान करेगी."

केजरीवाल की पार्टी ने रख दी थी शर्त
पटना की मीटिंग में अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस नेताओं के बीच केंद्र के अध्यादेश को लेकर बात नहीं बन पाई थी. इसके बाद आम आदमी पार्टी ने मीटिंग के बाद हुई संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस का बायकॉट किया. यहां तक तो ठीक था लेकिन उसने बयान जारी कर धमकी भी दे दी कि अगर उसकी बात नहीं मानी गई तो वह किसी भी ऐसे गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी, जिसमें कांग्रेस होगी. AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के तेवरों ने नीतीश कुमार की भी मुश्किलें बढ़ा दी हैं. नीतीश कुमार आगामी आम चुनाव के लिए विपक्ष को एकजुट करने में लगे हैं.

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एनसीपी में फूट से बदल गया सियासी गणित
बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को विपक्ष की मीटिंग हुई थी. इसमें करीब 15 विपक्षी दलों के नेता भाग लेने के लिए पहुंचे थे. इस दौरान शरद पवार से लेकर ममता बनर्जी व राहुल गांधी तक ने बीजेपी को हराने को लेकर हुंकार भरी थी. इस बीच महाराष्ट्र की राजनीति में हुए उठा-पटक ने सियासी गणित बदल दी है. एनसीपी चीफ शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने बीजेपी और शिवसेना शिंदे गुट का साथ पकड़ लिया है. अजित पवार महाराष्ट्र में बतौर डिप्टी सीएम काम करेंगे.

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एनसीपी में फूट को लेकर लग रहे ये कयास
अजित पवार के इस्तीफे के बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि इससे विपक्ष की राजनीति पर असर पड़ेगा. दरअसल, शरद पवार को लेकर कहा जा रहा है कि पार्टी को संभाल पाने में वे असफल हो गए हैं. अजित पवार के जरिए बीजेपी ने शरद पवार को हराया है.

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टीएमसी-कांग्रेस में भी चल रहा विवाद
इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस पार्टी के बीच का विवाद भी चल रहा है. पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और कम्युनिष्ट पार्टी ने गठबंधन किया है. विवाद इसी को लेकर है. 

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