भारत की स्वतंत्रता के 75वें साल के जश्न के लिए जारी पोस्टरों में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) की तस्वीर को कथित तौर पर शामिल नहीं करने को लेकर विपक्षी पार्टियों की आलोचना का सामना कर रहे भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (ICHR) ने रविवार को कहा कि इस मुद्दे पर विवाद ‘गैर जरूरी' है और आने वाले दिनों में जारी होने वाले पोस्टरों में नेहरू की तस्वीर होगी.
आईसीएचआर के एक शीर्ष अधिकारी ने इस मुद्दे पर आलोचना को खारिज करते हुए कहा, ‘‘हम आजादी की लड़ाई में किसी की भूमिका को कमतर करने का प्रयास नहीं कर रहे हैं.'' उन्होंने कहा कि जिस पोस्टर को लेकर विवाद हुआ है वह आजादी का अमृत महोत्सव जश्न के तहत जारी होने वाले कई पोस्टरों में से एक है.
हालांकि, कांग्रेस ने इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित चुप्पी पर सवाल उठाया है और मांग की है कि वह अपने पूर्वाग्रहों से ऊपर उठकर मामले में हस्तक्षेप करें. विपक्षी पार्टियों का कहना है कि नेहरू की तस्वीर जानबूझकर पोस्टर में शामिल नहीं की गई है. उल्लेखनीय है कि आईसीएचआर, शिक्षा मंत्रालय के तहत स्वायत्त संस्था है और ‘आजादी का अमृत महोत्सव' जश्न के तहत स्वतंत्रता संग्राम थीम पर व्याख्यानों और संगोष्ठियों की श्रृंखला चला रहा है.
आईसीएचआर के अधिकारी ने कहा, ‘‘ आजादी का अमृत महोत्सव जश्न के तहत यह केवल एक पोस्टर है जिसे जारी किया गया है. कई अन्य पोस्टर होंगे और उनमें नेहरू भी होंगे...इस मुद्दे पर विवाद गैरजरूरी है.'' व्याख्यान श्रृंखला के तहत परिषद ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े अलग-अलग विषयों पर बोलने के लिए विभिन्न इतिहासकारों और शिक्षाविदों को आमंत्रित किया है.
अरविंद जामखेडकर, जिनका आईसीएचआर अध्यक्ष पद का कार्यकाल इस साल मार्च में समाप्त हो गया है, ने कहा कि परिषद की ओर से नेहरू का उल्लेख नहीं किया जाना असावधानीवश हो सकता है. उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा' से बातचीत में कहा, ‘‘ यह असावधानीवश हो सकता है. जब हम स्वतंत्रता संग्राम की बात करते हैं तो कोई भी नेहरू जैसे व्यक्ति को भूल नहीं सकता. यह लापरवाह वश हो सकता है लेकिन निश्चित तौर पर जानबूझकर नहीं. इसके पीछे कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है. मैं दोहराता हूं कि यह जानबूझकर नहीं किया गया.'' उल्लेखनीय है कि शिक्षा मंत्रालय ने अबतक जामखेडकर का उत्तराधिकारी नियुक्त नहीं किया है.
विपक्षी पार्टियों ने देश के पहले प्रधानमंत्री की तस्वीर पोस्टर में नहीं होने पर सरकार पर निशाना साधा है और आरोप लगाया है कि यह जानबूझकर किया गया है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘‘क्यो आईसीएचआर के आजादी 75 उत्सव से नेहरू की तस्वीर गायब होने पर प्रधानमंत्री चुप हैं. यह सभी तथ्यों और प्रमाणिक इतिहास के विपरीत जाता है. हम जानते हैं कि प्रधानमंत्री, नेहरू की विरासत को मिटाना चाहते हैं लेकिन यह नितांत अनुचित है. उन्हें पूर्वाग्रहों से ऊपर उठकर आईसीएचआर को सुधार करने के लिए कहना चाहिए.''
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने भी आईसीएचआर को लेकर हुए विवाद पर निशाना साधा और कहा कि इसको लेकर जो सफाई दी जा रही है, वह हास्यास्पद है. चिदंबरम ने आईसीएचआर सचिव सदस्य पर आरोप लगाया कि वह नफरत और पूर्वाग्रह के आगे झुक गए हैं. उन्होंने पूछा किया क्या मोटर कार के आविष्कार का जश्न मनाने के दौरान हेनरी फोर्ड को या हवाई जहाज के आविष्कार का जश्न मनाने के दौरान राइट बंधुओं को भूला जा सकता है.
चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘‘आईसीएचआर सदस्य सचिव की आजादी की 75वीं सालगिरह उत्सव के लिए जारी पहले डिजिटल पोस्टर में नेहरू के नहीं होने पर दी गई सफाई हास्यास्पद है. पूर्वाग्रह और नफरत के आगे झुकने के बजाय यह बेहतर है कि सदस्य सचिव अपना मुंह बंद रखें.''
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘एक बार फिर तुच्छ राजनीति! क्या मैं सत्तारूढ़ पक्ष को याद दिलाऊं कि हमारे देश के गौरवमयी स्वतत्रंता संघर्ष का कोई भी उत्सव नेहरूजी के प्रगतिशील योगदान का जिक्र किए बिना गैर ऐतिहासिक है. आप उनका नाम हटा सकते हैं लेकिन उनके विचारों को नहीं मिटा सकते हैं.''
शशि थरूर, गौरव गोगोई और पवन खेड़ा सहित तमाम कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया पर आईसीएचआर की वेबसाइट का स्क्रीनशॉट साझा किया था, जिसमें महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, भीम राव आम्बेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल, राजेंद्र प्रसाद, मदन मोहन मालवीय और वीर सावरकर की तस्वीर दिखाई दे रही है, लेकिन नेहरू की तस्वीर गायब है.
वीडियो: PM मोदी ने जवाहरलाल नेहरू समेत पूर्व नेताओं को दी श्रद्धांजलि