प्रधानमंत्री रहे अपने नेताओं के अपमान से भी नहीं हिचकती कांग्रेस : भाजपा

BJP प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि मैं जानबूझकर उनके अपने प्रधानमंत्रियों का नाम ले रहा हूं. मैं समझ सकता हूं कि नरसिंह राव के साथ उनकी कुछ कड़वाहट थी.

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बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना
नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय का नाम बदले जाने की आलोचना करने के लिए शुक्रवार को कांग्रेस पर पलटवार किया है. बीजेपी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि विपक्षी पार्टी देश के प्रधानमंत्री के रूप में सेवा देने वाले अपने नेताओं का भी अपमान करने से नहीं हिचकती है. बता दें कि कांग्रेस ने यहां संग्रहालय का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसायटी करने को लेकर सरकार पर निशाना साधा था. कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले को संकीर्ण सोच करार दिया था.  और कहा था कि इमारतों का नाम बदलने से विरासत नहीं मिटा करती है.

BJP प्रवक्ता ने दिया जवाब

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस आरोप लगा रही है, जबकि उसके नेताओं ने अभी तक यह देखने के लिए संग्रहालय का दौरा नहीं किया कि कैसे प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और उनके उत्तराधिकारियों के योगदान और उपलब्धियों को बेहतर तरीके से प्रदर्शित किया गया है. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि संग्रहालय में लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, पी वी नरसिंह राव, राजीव गांधी और कांग्रेस के मनमोहन सिंह सहित सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान और उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया है.

"वो अपने नेताओं का अपमान करने से नहीं हिचकते"

उन्होंने कहा कि मैं जानबूझकर उनके अपने प्रधानमंत्रियों का नाम ले रहा हूं. मैं समझ सकता हूं कि नरसिंह राव के साथ उनकी कुछ कड़वाहट थी.लेकिन, मैं जानना चाहता हूं कि इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, लाल बहादुर शास्त्री और मनमोहन सिंह की उपलब्धियों से उन्हें क्या समस्या है, जिनके प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल को संगठित तरीके से प्रदर्शित किया गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरोध में वे अपने ही नेताओं का अपमान करने से भी नहीं हिचकते. 

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त्रिवेदी ने कांग्रेस को याद दिलाया कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2014 में केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सत्ता में आने के बाद नेहरू की 125वीं जयंती मनाई थी. मैं हैरान हूं और थोड़ा परेशान भी हूं. नेहरू स्मारक देखने के लिए कांग्रेस के कितने नेता वहां गए हैं. 

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"भारत के पहले प्रधानमंत्री का स्मारक बहुत अच्छी स्थिति में नहीं है"

उन्होंने कहा कि तीन मूर्ति भवन में भारत के पहले प्रधानमंत्री का स्मारक बहुत अच्छी स्थिति में नहीं है. आज यह धूल फांक रहा था.नेहरू जी के स्मारक के हिस्से को बेहतर तरीके से पुनर्गठित किया गया है और यह उन्नत प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ उनके योगदान और उपलब्धियों को दर्शाता है. इससे पहले दिन में संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्कालय सोसाइटी का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी करने का फैसला लिया है. इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की, जो सोसाइटी के उपाध्यक्ष भी हैं. 

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