कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में एक बयान को लेकर विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने केरल में कांग्रेस पार्टी की सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML)को "पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष" बता दिया है. इस बयान के बाद बीजेपी ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर एक ऐसे संगठन का समर्थन करने का आरोप लगाया है, जिसने देश के विभाजन का समर्थन किया और उग्रवादी विचारों को जारी रखा हुआ है.
केरल में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के साथ कांग्रेस के गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर राहुल गांधी ने कहा, "मुस्लिम लीग पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष पार्टी है, मुस्लिम लीग के बारे में कुछ भी गैर-धर्मनिरपेक्ष नहीं है." राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद थे. मानहानि केस में दो साल की सजा के बाद उनकी सांसदी रद्द की जा चुकी है. IUML केरल के मालाबार क्षेत्र में एक प्रभावशाली राजनीतिक पार्टी है. वायनाड से सटे कोझिकोड और मलप्पुरम में इसकी ज्यादा पहुंच है.
इससे पहले भी बीजेपी ने केरल के वायनाड निर्वाचन क्षेत्र में राहुल गांधी को IUML के समर्थन पर सवाल उठाए हैं. इसके साथ ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सहित कई बीजेपी नेताओं ने IUML के झंडे की तुलना पाकिस्तान से की है. बता दें कि कांग्रेस पार्टी के पास अब लोकसभा में चार सांसद, राज्यसभा में एक सदस्य और केरल के 140 सदस्यीय सदन में विधानसभा में 15 विधायक हैं.
अमित मालवीय का राहुल गांधी पर तंज
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख और पश्चिम बंगाल के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने राहुल गांधी के बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी. मालवीय ने इस बयान को राहुल गांधी की मजबूरी बताया है. उन्होंने कहा, "जिन्ना की मुस्लिम लीग, जो धार्मिक आधार पर भारत के विभाजन के लिए जिम्मेदार पार्टी है, राहुल गांधी के अनुसार एक 'धर्मनिरपेक्ष' पार्टी है. राहुल गांधी भले ही कम पढ़े-लिखे हैं, लेकिन वे यहां कपटी और कुटिल हैं...वायनाड में स्वीकार्य रहना भी उनकी मजबूरी है."
राजीव चंद्रशेखर ने कसे तंज
आईटी और कौशल विकास राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी राहुल गांधी को आड़े हाथ लिया है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी एक "वैकल्पिक वास्तविकता" में जी रहे थे. वह IUML को धर्मनिरपेक्ष कहकर दूसरों को भी इसमें घसीटना चाहते हैं.
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी दी प्रतिक्रिया
वहीं, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने यह कहकर प्रतिक्रिया दी कि यह जनसंघ था, जिसका मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन था. केवल अज्ञानी ही IUML को जिन्ना की मुस्लिम लीग से जोड़ेंगे.
विभाजन के तुरंत बाद भंग कर दी गई थी IUML
पाकिस्तान के लिए आंदोलन का नेतृत्व करने वाले अखिल भारतीय मुस्लिम लीग (IUML) को विभाजन के तुरंत बाद भंग कर दिया गया था. भारत में IUML, इसके संस्थापक मुहम्मद इस्माइल के नेतृत्व में आया था. उन्होंने 1948 में ऑल इंडिया मुस्लिम लीग (AIML) से अलग हुए गुट का नेतृत्व किया था. मुहम्मद इस्माइल को क़ैद-ए-मिल्लत (राष्ट्र का नेता) भी कहा जाता. वह 1952 से 1958 तक राज्यसभा सांसद भी रहे थे. इनकी पार्टी तमिलनाडु में उपस्थिति दर्ज कराने में सफल रही, लेकिन केरल में यह मजबूत स्थिति पर बनी हुई है.
IUML एक राजनीतिक ताकत बनने में कामयाब
सीनियर एकैडमिक, इतिहासकार और केरल काउंसिल फॉर हिस्टोरिकल रिसर्च के अध्यक्ष माइकल थरकान ने NDTV को बताया कि IUML एक गठबंधन का हिस्सा बनकर राज्य में एक राजनीतिक ताकत बनने में कामयाब रहा है. वह समझता है कि ऐसा करना उसके अपने अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है. कांग्रेस उस पर निर्भर भी है.
उन्होंने कहा, "मालाबार क्षेत्र में कांग्रेस IUMLके बिना कहीं नहीं होगी. यहां लड़ाई अनिवार्य रूप से मुस्लिम लीग और सीपीआईएम के बीच है. कांग्रेस भी जानती है कि IUML एक महत्वपूर्ण सहयोगी है."
प्रसिद्ध लेखक एमजी राधाकृष्णन ने IUML पर अपने आर्टिकल में कहा है कि इस पार्टी ने प्रदर्शित किया है कि धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक मुख्यधारा के भीतर कैसे काम करना है? सत्ता कैसे हासिल करनी है? उन्होंने कहा कि पार्टी ने समुदाय के भीतर पनप रही चरमपंथी ताकतों के खिलाफ भी अभियान चलाया है और उन्हें अपने हाशिये पर रखा है. IUML ने आर्थिक, शैक्षिक, सामाजिक और जनसांख्यिकी रूप से केरल के मुस्लिम समुदाय के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
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