- जम्मू के पुंछ कृष्णा घाटी सेक्टर में पेट्रोलिंग के दौरान लैंड माइंस के धमाके में अग्निवीर ललित शहीद हो गए.
- ललित कुमार मेरठ के पस्तरा गांव के निवासी थे, जो 21 महीने पहले अग्निपथ स्कीम से सेना में भर्ती हुए थे.
- शहीद ललित के परिवार को सरकार की ओर से लगभग 1.65 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि और अन्य लाभ मिलेंगे.
जम्मू के पुंछ में कृष्णा घाटी सेक्टर में पेट्रोलिंग के दौरान लैंड माइंस में हुए धमाके में अग्निवीर ललित कुमार शहीद हो गए. इसी धमाके में दो जवान भी घायल हो गए. लाइन ऑफ कंट्रोल पर ललित अपने साथियो के साथ एरिया डोमिनेशन के लिये पेट्रोलिंग कर रहे थे तभी यह हादसा हुआ. सेना की व्हाइट नाइट कोर ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि जीओसी व्हाइट कोर और सभी रैंक ने 2 जाट रेजिमेंट के अग्निवीर ललित कुमार को श्रद्धाजलि अर्पित की, जिन्होंने कृष्णा घाटी ब्रिगेड के क्षेत्र में गश्त के दौरान एक बारुदी सुरंग विस्फोट में सर्वोच्च बलिदान दिया. हम दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवार के साथ खड़े है.
मेरठ के पस्तरा गांव के रहने वाले ललित
20 साल के ललित उत्तरप्रदेश के मेरठ के पस्तरा गांव का रहने वाले थे. 21 महीने पहले ही सेना में अग्निपथ स्कीम के जरिये भर्ती हुए थे. उनके पिता का नाम राजपाल और मां का नाम सरोज देवी है. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद छह महीने से ललित जम्मू कश्मीर में ही तैनात थे. नौ जुलाई को 15 दिन की छुट्टी बिताकर, वे ड्यूटी पर लौटे थे.
लेकिन अब वो वापस तो जरूर लौटे पर तिरंगे में लिपटकर. घर वालों से लेकर गांव के सभी लोगों तक की आंखे नम है पर गर्व भी है बेटे की शहादत पर कि देश के लिये वह शहीद हो गया.
शहीद अग्निवीर के परिवार को 1.65 करोड़ रुपए मिलेंगे
अग्निवीर ललित के परिवार को सरकार की ओर से कुल करीब 1.65 करोड़ रुपये मिलेंगे. इसमें 44 लाख अनुग्रह राशि होगी. 48 लाख रुपए का बीमा कवर भी मिलेगा. वही 8 लाख आर्म्ड फोर्सेज बैटल कैजुअलटी फंड से मिलेगा. अग्निवीर के योगदान किये गए सेवा निधि ( 30 प्रतिशत ) से भी राशि मिलेगी जिसमें सरकार की ओर से समान योगदान और उस पर ब्याज भी शामिल होगा.
ललित के परिजनों को मृत्य की तारीख से चार साल के बाकी समय का पूरा वेतन दिया जाएगा, जो करीब 13 लाख के आसपास होगा. आर्मी वाइफ वेलफेयर एसोसियेशन की तरफ 30 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी . हालांकि ड्यूटी के दौरान जो अग्निवीर शहीद हो जाता है, उसके परिवार को पेंशन भी नही मिलती है.
अग्निपथ स्कीम के जरिए हुए थे बहाल
भारतीय सेना में अग्निपथ स्कीम के जरिये युवाओं को चार साल के लिए भारतीय सेना में भर्ती किया जाता है. चार साल के बाद इनमें से केवल 25 प्रतिशत जवानों को नियमित भर्ती के तहत नौकरी दी जाएगी. बाकी के 75 फीसदी अग्निवीरों को सेना से बाहर भेज दिया जाएगा. सेना में यह स्कीम जून 2022 में लांच की गई.
25 के बदले 50 फीसदी अग्निवीर को स्थायी करने की तैयारी
शुरू में जब स्कीम लांच की गई थी तो इसका काफी विरोध हुआ था. खासकर बिहार , उत्तरप्रदेश , हरियाणा , राजस्थान और पंजाब जैसे राज्यों में युवाओं और राजनीतिक दलों ने इसके खिलाफ जमकर आंदोलन किया था. अब सेना औऱ सरकार के अंदर इस पर विचार चल रहा है कि अग्निपथ स्कीम के तहत भर्ती किये गये 25 फीसदी के बजाय 50 फीसदी को सेना में स्थाई तौर पर रख लिया जाए लेकिन इसका सही पता जनवरी 2027 के आसपास ही चलेगा जब अग्निवीर का पहला बैच बाहर निकलेगा.