छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिला इस समय सुलग रहा है. सतनामी समाज का गुस्सा अब हिंसा का रूप धारण कर चुका है. धार्मिक स्तंभ को नुकसान पहुंचाने के विरोध में सतनामी समाज का आंदोलन सोमवार को हिंसक हो गया. इस दौरान आंदोलनकारियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया... कई सरकारी कार्यालय में तोड़फोड़ भी की गई. भीड़ द्वारा पथराव किए जाने के कारण अधिकारियों समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने बलौदाबाजार शहर में आईपीसी के अंतर्गत धारा-144 लागू कर दी है. वहीं, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से मामले की जानकारी ली और इस पर रिपोर्ट मांगी है.
"प्रदर्शनकारी DM ऑफिस में घुस गए और..."
घटना के विरोध में सतनामी समाज ने सोमवार को यहां दशहरा मैदान में विरोध-प्रदर्शन और जिलाधिकारी कार्यालय के घेराव का आह्वान किया था. इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में लोग यहां जुटे थे. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को जिलाधिकारी कार्यालय की ओर बढ़ने से रोकने के लिए कई स्थानों पर अवरोधक लगाए. बलौदाबाजार के पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार ने बताया, "सतनामी समुदाय ने प्रदर्शन का आह्वान किया था और प्रशासन को लिखित में दिया था कि यह शांतिपूर्ण होगा, लेकिन विरोध हिंसक हो गया. लगभग पांच हजार की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने अवरोधक तोड़ दिए और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया, जिसमें अधिकारियों सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. वे जिलाधिकारी परिसर में घुस गए और तोड़फोड़ करने लगे. उन्होंने कई कार, मोटरसाइकिल और पुलिस अधीक्षक कार्यालय की इमारत में आग लगा दी और जिलाधिकारी कार्यालय पर पथराव किया, जिससे खिड़कियों के शीशे टूट गए."
आग बुझाने आई दमकल की गाड़ी में भी लगा दी आग
सोशल मीडिया पर इस हिंसक विरोध प्रदर्शन की कई वीडियो सामने आई हैं. प्रदर्शन स्थल के वीडियो में लगभग 50 दोपहिया वाहन, दो दर्जन से अधिक कार और जिलाधिकारी कार्यालय स्थित पुलिस अधीक्षक दफ्तर की इमारत में आग लगी हुई दिखाई दे रही है. भीड़ ने एक दमकल वाहन को भी आग के हवाले कर दिया. वीडियो में प्रदर्शनकारी, पुलिसकर्मियों से झड़प करते दिख रहे हैं. एक अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने पहले ही 'जैतखंभ' में तोड़फोड़ की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं.
केंदीय एजेंसी से मामले की जांच की मांग
पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में तीन लोगों को अब तक गिरफ्तार किया है. सतनामी समुदाय ने मांग की है कि इस मामले की स्थानीय पुलिस के बजाय केंद्रीय एजेंसी जांच करे. पुलिस का कहना है कि हमारे पास विरोध और हिंसा के वीडियो फुटेज हैं. जो लोग इसमें शामिल पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हिंसा में हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है. परिस्थितियों को देखते हुए बलौदाबाजार क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गयी है. इस दौरान नगरपालिका बलौदाबाजार सीमा क्षेत्र में रैली, जुलूस पर प्रतिबंध रहेगा. पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के समूहों का शहर में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. अधिकारियों ने बताया कि यह आदेश आज रात नौ बजे से इस महीने की 16 तारीख को मध्यरात्रि 12 बजे तक जारी रहेगा.
क्यों सुलग रहा बलौदाबाजार जिला...?
ये पूरा मामला जैतखंभ में तोड़फोड़ के बाद खड़ा हुआ. दरअसल, 15 और 16 मई की दरमियानी रात को कुछ अज्ञात लोगों ने बलौदाबाजार जिले के गिरौदपुरी धाम में पवित्र अमर गुफा में स्थित सतनामी समाज द्वारा पूजे जाने वाले ‘जैतखंभ' में तोड़फोड़ कर दी थी. सतनामी समाज इसे 'जैतखंभ' को एक पवित्र प्रतीक के रूप में पूजता रहा है. जब सतनामी समाज के लोगों को पता चला कि उनके पवित्र जैतखंभ को नुकसान पहुंचाया गया है, तो उन्होंने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया, जिसने सोमवार को हिंसा का रूप ले लिया.
ऐसे हुई सतनामी समाज की स्थापना
छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध संत बाबा घासीदास ने सतनाम पंथ की स्थापना की थी. राज्य की अनुसूचित जातियों में बड़ी संख्या सतनामी समाज के लोगों की है तथा यह समाज यहां के प्रभावशाली समाजों में से एक है. सतनामी भक्त वेशभूषा, उचित तरीकों से पैसा कमाना और किसी भी तरह का अन्याय या अत्याचार सहन नहीं करने पर ध्यान केंदित करते हैं.
(भाषा इनपुट के साथ...)
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