बिहार (Bihar) में नीतीश सरकार (Nitish Government) में शामिल हम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने एक बार फिर शराबबंदी नीति (Liquor Prohibition Policy) में संशोधन की मांग की है. साथ ही उन्होंने अपनी ही सरकार को शराबबंदी को लेकर कटघरे में खड़ा कर दिया है. मांझी ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि मंत्री, विधायक, अधिकारी सब इसका सेवन करते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि डॉक्टर भी नियमित रूप से कम मात्रा में इसका सेवन करने की सलाह देते हैं.
मांझी ने एक कार्यक्रम में कहा कि कलेक्टर हैं, एसपी हैं, एमएलए हैं, मंत्री हैं, वो सब शराब का सेवन 10 बजे के बाद करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर पकड़ना है तो सरकार पहले उन्हें पकड़े. गरीबों को क्यों जेल भेजा जाए.
बिहार में शराबबंदी को लेकर के सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच काफी अरसे से बयानबाजी हो रही है. राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने हाल ही में अपने एक बयान में नीतीश कुमार को लेकर कहा था कि जिस तरह का उन्माद उनके सिर पर सवार है, वह स्वस्थ मानसिकता का लक्षण नहीं है.
इससे पहले, जहरीली शराब से मौतों के बाद नीतीश कुमार ने सरकारी कर्मियों को शराब से दूर रहने की शपथ दिलाई थी. वहीं सत्ता पक्ष के कुछ विधायक भी सार्वजनिक रूप से उनसे यह कानून वापस लेने का आग्रह कर चुके हैं.
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