Cognizant CEO salary : कॉग्निजेंट (Cognizant) एक अमेरिकी मल्टीनेशनल आईटी कंपनी है. इसने अपने यहां काम करने के लिए 2024 बैच के फ्रेशर्स को सलाना 2.52 लाख रुपये का ऑफर दिया है. साथ ही बताया गया है कि आवेदन करने की आखिरी तारीख है. इससे सोशल मीडिया पर Cognizant की खूब आलोचना हो रही है. इसके बाद ऐसा ऑफर देने वाले Cognizant के सीईओ रवि कुमार की सैलरी को लेकर भी बहस छिड़ गई है. Cognizant के हालिया प्रॉक्सी स्टेटमेंट फाइलिंग से पता चला है कि रवि कुमार को 2023 के वित्तीय वर्ष में 22.5 मिलियन डॉलर की भारी भरकम सैलरी मिली है. कुमार के सैलरी पैकेज में पीएसयू, आरएसयू सहित कैश साइन-ऑन बोनस भी शामिल है.
सीईओ और कर्मचारियों में इतना फर्क
1600 गुना से भी ज्यादा वेतन
इससे पता चलता है कि कॉग्निजेंट में सीईओ और कर्मचारी के वेतन के बीच कितना अंतर है. भारत में स्थित कर्मचारियों की तुलना में सीईओ का वेतन अनुपात 1647:1 है. जबकि दुनिया भर में औसत सैलरी अनुपात 556:1 है. भारत में औसत वार्षिक कर्मचारी मुआवजा $13,735 है, जबकि दुनिया भर में औसत वार्षिक मुआवजा $40,660 है. इस बढ़ते वेतन अंतर के साथ-साथ हाल ही में कॉग्निजेंट द्वारा वेतन वृद्धि को चार महीने के लिए टालने की घोषणा से कंपनी के कर्मचारियों में असंतोष बढ़ गया है.
पिछले सीईओ का इतना था वेतन
ऐसा नहीं है कि रवि कुमार की ही सैलरी ज्यादा है. उनके पहले कॉग्निजेंट के सीईओ रहे ब्रायन हम्फ्रीज को 2023 में लगभग $4.2 मिलियन का कुल एसईसी मुआवजा मिला. इसमें पिछले साल 15 मार्च को उनकी नौकरी की समाप्ति की प्रभावी तिथि तक उनकी बेसिक सैलरी भी शामिल थी. एसईसी मुआवजा बेस सैलरी, एनुअल कैश इंसेंटिव (एसीआई), नकद बोनस और किसी दिए गए वर्ष में सभी आरएसयू और पीएसयू की अनुदान तिथि उचित मूल्य को दर्शाता है. इसमें एसईसी नियमों के तहत रिपोर्ट किए जाने वाले आवश्यक अनुलाभों सहित अन्य सभी मुआवजे भी शामिल हैं.
कर्मचारियों में गुस्सा
कॉग्निजेंट सीएफओ जतिन दलाल के 5.2 मिलियन डॉलर के प्रत्यक्ष कंपेनशेसन के लक्ष्य में 750,000 डॉलर का मूल वेतन, 750,000 डॉलर का एसीआई लक्ष्य, 1.8 मिलियन डॉलर का पीएसयू और 1.8 मिलियन डॉलर का आरएसयू शामिल था. दलाल का 2023 एसईसी कंपेनशेसन उनके लक्ष्य प्रत्यक्ष मुआवजे से कम था, क्योंकि उन्हें दिसंबर 2023 में शुरू होने वाले उनके रोजगार के आधार पर उनके वार्षिक आधार वेतन का केवल आनुपातिक हिस्सा मिला था. कॉग्निजेंट के कमजोर वित्तीय प्रदर्शन के साथ शीर्ष अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच कंपेनशेसन में असमानता ने हितधारकों के बीच चिंताएं बढ़ा दी हैं. कर्मचारियों के असंतोष पर कंपनी की प्रतिक्रिया और उसकी भविष्य की कंपेनशेसन नीतियों पर बारीकी से नजर रखी जाएगी.