केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बृहस्पतिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में मातुआ समुदाय सहित सीएए के तहत शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने की प्रक्रिया एक बार कोविड-19 का टीकाकरण समाप्त होने के बाद शुरू हो जाएगी. जब बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से अमित शाह के इस बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये बयान अभी तक देखा ही नहीं, और फिर वह कोरोना के मामलों पर बात करने लगे. जवाब से साफ था कि इस विवादास्पद मुद्दे पर नीतीश कुमार प्रतिक्रिया नहीं देना चाहते.
बता दें कि विपक्ष पर अल्पसंख्यक समुदाय को संशोधित नागरिकता कानून पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसे लागू किए जाने से भारतीय अल्पसंख्यकों की नागरिकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा. शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने 2018 में वादा किया था कि वह नया नागरिकता कानून लाएगी और 2019 में भाजपा के सत्ता में आते ही वादे को पूरा किया गया. उन्होंने कहा कि 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका. उन्होंने कहा था कि ममता दीदी ने कहा कि हमने गलत वादा किया. उन्होंने सीएए का विरोध करना शुरू कर दिया और कहती हैं कि वह इसे कभी लागू नहीं होने देंगी. भाजपा अपने वादे हमेशा पूरे करती है. हम इस कानून को लेकर आए हैं और शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी.