दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रॉउज एवेन्यू कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दिल्ली पुलिस के एसीपी एके सिंह को उनकी सुरक्षा से हटाने की मांग की है. सीएम केजरीवाल ने आरोप लगाया कि अदालत लाते समय उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया.
हालांकि इसी मामले के एक और आरोपी दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी इससे पहले इसी अधिकारी, एसीपी एके सिंह के खिलाफ कोर्ट में लिखित शिकायत की थी.
वाकया बीते साल हुआ था, जिसमें अधिकारी एके सिंह को मनीष सिसोदिया को गर्दन से पकड़कर खींचते हुए ले जाते देखा गया था. उसका वीडियो भी तेजी से वायरल हुआ था.
इससे पहले शुक्रवार को अदालत ने दिल्ली शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया.
भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के पूर्व अधिकारी केजरीवाल (55) को ईडी ने गुरुवार रात, धन शोधन रोधी कानून के तहत दिल्ली के सिविल लाइंस स्थित उनके आधिकारिक आवास से गिरफ्तार किया था.
ईडी का आरोप है कि केजरीवाल 2022 में आप के गोवा चुनाव प्रचार अभियान में अपराध से अर्जित धन के इस्तेमाल में सीधे तौर पर शामिल थे और वह पार्टी के संयोजक एवं उसमें निर्णय लेने वाले शीर्ष व्यक्ति हैं.
एजेंसी ने अदालत को बताया कि उसने गोवा चुनावों के दौरान आप की चुनाव प्रचार गतिविधियों से जुड़े विभिन्न लोगों के बयान दर्ज किए और यह पाया गया कि सर्वे कर्मी, क्षेत्र प्रबंधक, विधानसभा प्रबंधक जैसे काम के लिए उन्हें नकद भुगतान किया गया था.
एजेंसी ने दावा किया कि ये रकम चार अंगड़िया प्रणाली के जरिये गोवा भेजी गई. अंगड़िया नेटवर्क एक स्थान से दूसरे स्थान पर भारी मात्रा में नकदी ले जाने का काम करता है.
ईडी ने कहा, ‘‘इस तरीके से आप ने अरविंद केजरीवाल के जरिये धन शोधन का अपराध किया और इस तरह अपराधों को पीएमएलए की धारा 70 के तहत माना गया है.''
एजेंसी ने कहा है कि आप के राष्ट्रीय संयोजक और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में, केजरीवाल ‘‘चुनाव खर्चों में इस्तेमाल किए जाने वाले धन के लिए अंततः जिम्मेदार थे.''
ईडी ने कहा कि रिश्वत कथित तौर पर ‘साउथ ग्रुप' के सदस्यों द्वारा जुटाई गई थी, जिसमें गिरफ्तार बीआरएस नेता के. कविता और कुछ अन्य शामिल थे, और इसका एक हिस्सा आप के गोवा चुनाव प्रचार में इस्तेमाल किया गया था.
एजेंसी ने कहा कि केजरीवाल ने मामले की जांच में शामिल होने के लिए उन्हें जारी किए गए नौ समन की ‘जानबूझकर अवज्ञा' की और जब एक दिन पहले पीएमएलए के तहत उनका बयान दर्ज किया गया, तो उन्होंने सच्चाई का खुलासा नहीं किया.
ईडी द्वारा दाखिल आरोप पत्र में केजरीवाल के नाम का कई बार उल्लेख किया गया है. एजेंसी ने आरोप लगाया है कि आरोपी आबकारी नीति तैयार करने के लिए केजरीवाल के संपर्क में थे, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अनुचित लाभ हुआ, जिसके एवज में उन्होंने आप को रिश्वत दी.