राजस्थान में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सीएम गहलोत प्रदेश की जनता के बीच नए वादों के साथ पहुंच रहे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार अगस्त में रक्षा बंधन पर शुरू होने जा रही योजना के तहत महिलाओं को स्मार्टफोन के बदले एक निश्चित नकद राशि देने पर विचार कर रही है. बता दें कि गहलोत ने बजट 2021 में राज्य की 1.35 करोड़ महिलाओं को स्मार्टफोन देने की घोषणा की थी. कुछ समय पहले उन्होंने इस साल 30 अगस्त को रक्षाबंधन से चरणबद्ध तरीके से स्मार्टफोन देने की बात भी कही थी.
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को कहा कि सरकार महिलाओं को स्मार्टफोन देने के बजाय उनकी पसंद का मोबाइल फोन खरीदने के लिए एक निश्चित राशि देने पर विचार कर रही है.
सूत्रों के अनुसार ऐसा ही कुछ राज्य सरकार की अन्नपूर्णा योजना के साथ भी किया जा सकता है. अगर तेल, मसाला, चीनी, दाल और नमक का टेंडर नहीं हुआ तो यहां भी लाभार्थियों के खाते में पैसे भेजे जाएंगे. हालांकि, इस योजना को लेकर अभी तक किसी तरह की घोषणा नहीं की है.
BJP ने किया पलटवार
राजस्थान सरकार के इस फैसले पर बीजेपी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी ने कहा है कि गहलोत सरकार चुनाव आते आते हड़बड़हाट में है. बीजेपी ने गहलोत सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़ते हुए कहा कि अगर लाखों रुपये लाभार्थियों के खाते में ट्रांसफर किया जाएगा तो पैसे का आकलन कैसे होगा. और ये कैसे पता चल सकेगा कि भेजे गए पैसे का आकलन कैसे होगा कि वह पैसा उसी योजना के लिए उपयोग में लिया गया है.
सीपी जोशी ने साधा निशाना
राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि अगर वास्तव में उनको राहत देना है तो मैं मुख्यमंत्री से कहूंगा कि वो किसानों का संपूर्ण कर्जा माफ कीजिए. यदि सही में आपको राहत देना है तो दूसरे राज्यों की तुलना में राजस्थान पेट्रोल-डीजल पर लिए गए पैसे पर विचार कीजिए.
"रेवड़ियां बांटने से कुछ नहीं होगा"
वहीं, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि जब ये सवाल भारतीय जनता पार्टी ने किया तो यू टर्न मार लिया गया. मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहता हूं कि आपने 19 हजार करोड़ का स्मार्ट फोन देना का ऐलान किया है.ये रेवड़िया बांटने से कुछ नहीं होगा. मैं आपको बता दूं कि इन्होंने पिछली बार खुदको ही मुख्यमंत्री नंबर वन साबित किया था.