महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार को औरंगजेब की कब्र पर जारी विवाद ने शाम होते-होते हिंसक रूप ले लिया. नागपुर में हुई हिंसा का मुद्दा मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा में भी गूंजा. सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इस पूरे विवाद को लेकर सदन को संबोधित किया. उन्होंने विधानसभा में कहा कि यह सुनियोजित हमला लगता है'. उन्होंने कहा कि पुलिस पर हमले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सीएम फडणवीस ने कहा कि मैं छावा फिल्म को दोष नहीं देता हूं, लेकिन जिस तरह से फिल्म में छत्रपति शंभाजी का शौर्य बताया गया और औरंगजेब कितना क्रूर था, उसने छत्रपति को कितनी यातनाएं दीं, यह जानकर मुगल शासक के खिलाफ गुस्सा बढ़ गया.
सीएम फडणवीस ने आगे कहा कि शाम को एक अफवाह ने तूल पकड़ ली. औरंगजेब को लेकर अफवाह फैली. इसी अफवाह के कारण मामला गर्म हुआ और हिंसा की घटनाएं हुईं. मुख्यमंत्री ने बताया कि इस हिंसा में 12 दोपहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. हिंसा की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक क्रेन और दो जेसीबी समेत चार पहिया वाहनों को जलाया गया. इसके अलावा, कुछ लोगों पर तलवार से भी हमला किया गया.
उन्होंने यह भी कहा कि हिंसा के दौरान 33 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें से 3 डीसीपी स्तर के अधिकारी शामिल हैं. इसके साथ ही 5 आम नागरिकों पर भी हमले हुए हैं. एक पुलिसकर्मी पर तो कुल्हाड़ी से भी हमला किया गया था, जिससे स्थिति की गंभीरता को समझ आती है. मुख्यमंत्री फडणवीस ने यह जानकारी भी दी कि इस पूरी घटना के संबंध में 5 अपराध दर्ज किए गए हैं. इसके साथ ही, सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए 11 पुलिस स्टेशन क्षेत्रों में जमाव बंदी लागू कर दी गई है. कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एसआरपीएफ की 5 टुकड़ियां तैनात की गई हैं.
मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता से शांति बनाए रखने की अपील की और यह भी कहा कि राज्य सरकार इस मामले में सख्त कार्रवाई करेगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने पुलिस द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की और विश्वास दिलाया कि इस हिंसा के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की भी अपील की.