पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को एक चिट्ठी लिखी है. मान ने चिट्ठी में केंद्रीय गृह मंत्री से बेदअबी के मामलों में दोषियों को कठोर सजा दिलाने के लिए सीआरपीसी और आईपीसी में संशोधन के बिलों को राष्ट्रपति से मंजूरी दिलवाने की मांग की है. मान ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि हमें आपके मंत्रालय से जवाब मिला है, जिसमें कहा गया है कि सजा बहुत ज्यादा लग रही है. उन्होंने कहा कि प्रस्तावित सजा ज्यादा नहींं है.
भगवंत मान ने अमित शाह को लिखी चिट्ठी में कहा है कि साल 2018 में पंजाब विधानसभा में इंडियन पीनल कोड (पंजाब अमेंडमेंट) बिल 2018 और कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर (पंजाब अमेंडमेंट) बिल 2018 में पास हुए थे. इनके तहत श्री गुरु ग्रंथ साहिब, श्रीमद्भागवत गीता, पवित्र कुरान और बाइबल के साथ बेअदबी करने वाले को उम्र कैद की सजा का प्रावधान किया गया है.
ज्यादा नहीं प्रस्तावित सजा : मान
उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि आपके मंत्रालय की ओर से मिले जवाब में कहा गया है कि सजा बहुत ज्यादा लग रही है. उन्होंने कहा कि मैं आपके ध्यापन में लाना चाहता हूं कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब सिखों के लिए एक जीवित गुरु हैं और वह इसी हिसाब से उनका आदर सम्मान करते हैं. ऐसे में प्रस्तावित सजा ज्यादा नहीं है.
'सौहार्द बिगाड़ने वालों के खिलाफ कठोर सजा जरूरी'
मान ने कहा कि पंजाब एक बॉर्डर स्टेट है और यहां पर सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना बहुत जरूरी है. ऐसे में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों के खिलाफ कठोर सजा बहुत जरूरी है.
2018 से लंबित हैं बिल
उन्होंने इन बिलों पर राष्ट्रपति की मंजूरी जल्द प्रदान करने की अपील की है. बता दें कि यह बिल अक्टूबर 2018 से राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए लंबित हैं.
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