CM अशोक गहलोत ने NDTV टेलीथॉन में राजस्थान स्वास्थ्य योजना पर दिया जवाब, जानें 'भीलवाड़ा मॉडल' पर क्या कहा

महिलाओं को सशक्त बनाने की आवश्यकता के बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने कहा कि महिलाओं का सशक्तिकरण प्राथमिकता है और राज्य सरकार ने इस संबंध में कई कदम उठाए हैं.

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अशोक गहलोत ने बनेगा स्वस्थ इंडिया टेलीथॉन में भाग लिया.
नई दिल्ली:

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को बनेगा स्वस्थ इंडिया टेलीथॉन में कहा कि राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य बीमा से 22 लाख लोग लाभान्वित हुए हैं. महामारी के दौरान कोविड-19 की रोकथाम के लिए भीलवाड़ा मॉडल के बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने कहा कि ₹10 लाख की बीमा योजना के तहत, हृदय रोगियों को इलाज मिलेगा.

उन्होंने कहा, "बाहर के मरीजों और रोगियों के लिए इलाज मुफ्त है. जांच भी मुफ्त हैं. हम छुट्टी के 15 दिन बाद भी खर्च का ख्याल रखते हैं और 22 लाख लोगों को लाभान्वित किया गया है."

सरकार द्वारा आक्रामक प्रतिक्रिया शुरू करने के बाद सबसे बड़े कोविड हॉटस्पॉट में से एक भीलवाड़ा नियंत्रण में आ गया था. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना की तरह राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजना से भी उन्हें काफी लाभ हुआ है.

2005 में पहले एमएमआर 445 की तरह यह नीचे चला गया है. हम वह सभी कदम उठा रहे हैं, जिससे हमें फायदा हो.

महिलाओं को सशक्त बनाने की आवश्यकता के बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने कहा कि महिलाओं का सशक्तिकरण प्राथमिकता है और राज्य सरकार ने इस संबंध में कई कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा, "करीब 1.35 करोड़ महिलाओं को मुखिया बनाया गया है और हम उन्हें स्मार्टफोन दे रहे हैं और परियोजना पर काम चल रहा है."

गहलोत ने कहा, "महिलाओं को परिवार में पीरियड्स के बारे में बात करनी चाहिए और उन्हें मुफ्त सैनिटरी पैड मिलना चाहिए." इस योजना का नाम उड़ान रखा गया है. स्मार्टफोन योजना का नाम इंदिरा शक्ति योजना रखा गया है. सीएम ने एनडीटीवी से कहा, "बदलाव आ रहा है और राजस्थान भी पीछे नहीं है."

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राजस्थान के मुख्यमंत्री कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनावों के विवाद में देर तक उलझे रहे, इस सप्ताह के शुरू में अपने वफादारों के विद्रोह के बाद रेस से बाहर हो गए थे, जिसने गांधी परिवार और केंद्रीय नेताओं को बेहद परेशान किया था.

गुरुवार को सोनिया गांधी के साथ बैठक के बाद गहलोत ने घोषणा की कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने विद्रोह की नैतिक जिम्मेदारी ली. जिसका उद्देश्य अशोक गहलोत के कट्टर प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट को सत्ता से बाहर रखना था.

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