CM अशोक गहलोत ने की राजस्थान में 19 नए जिले बनाने की घोषणा, संभागों की संख्या भी बढ़ाई गई

सीएम ने कहा कि विधायकों की मांग को देखते हुए उनकी सरकार ने यह फैसला लिया है. हमने नए जिले इसलिए भी बनाए हैं ताकि हर क्षेत्र का सही से विकास किया जा सके.

विज्ञापन
Read Time: 7 mins
राजस्थान सीएम अशोक गहलोत ने 19 नए जिले बनाने का किया ऐलान
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • सीएम अशोक गहलोत ने विधानसभा में की घोषणा
  • तीन नए संभाग भी बनाए गए
  • 19 नए जिले बनाने के बाद राजस्थान में कुल जिले हुए 50
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
जयपुर:

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक बड़ी घोषणा की है. उन्होंने शुक्रवार को विधानसभा में राज्य में 19 नए जिले बनाने का ऐलान किया. जिलों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ उन्होंने राज्य में तीन नए संभाग भी बनाए जाने की घोषणा की. सीएम गहलोत की इस घोषणा के बाद अब राजस्थान में कुल जिलों की संख्या 50 हो गई हैं जबकि संभागों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है. सीएम ने कहा कि विधायकों की मांग को देखते हुए उनकी सरकार ने यह फैसला लिया है. हमने नए जिले इसलिए भी बनाए हैं ताकि हर क्षेत्र का सही से विकास किया जा सके. पहले जिलों की सीमा बड़ी होने के कारण विकास कार्यों को हर क्षेत्र तक पहुंचा पाने में समय लगता था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. 

सीएम की घोषणा के मुताबिक तीन नए संभाग होंगे पाली, सीकर और बांसवाड़ा. जबकि बात अगर जिलों की करें तो अनूपगढ़ (श्रीगंगानगर), बालोतरा (बाड़मेर), ब्यावर (अजमेर), डीग (भरतपुर), डीडवाना-कुचामनसिटी (नागौर), दूदू (जयपुर), गंगापुर सिटी (सवाईमाधोपुर), जयपुर-उत्तर, जयपुर-दक्षिण, जोधपुर पूर्व, जोधपुर पश्चिम, केकड़ी (अजमेर), कोटपूतली-बहरोड़ (जयपुर), खैरथल (अलवर) नीम का थाना (सीकर), फलोदी (जोधपुर), सलूंबर (उदयपुर), सांचोर (जालोर) और शाहपुरा (भीलवाड़ा) को नया जिला बनाया गया है. 

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य होने के कारण राजस्थान में हमारे कई जिले ऐसे हैं, जहां जिला मुख्यालय से कई इलाकों की दूरी 100 किलोमीटर से भी ज्यादा है. इस कारण आमलोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही कई जिलों की जनसंख्या भी अत्यधिक होने के कारण प्रशासन का हर परिवार तक पहुंचना कठिन हो जाता है.

राजस्थान सरकार के इस ऐलान पर राज्य की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा कि कांग्रेस सरकार की नई घोषणाएं अपने व्यक्तिगत राजनैतिक स्वार्थों की पूर्ति करने का प्रयास भर है. इस कोशिश में उन्होंने राजस्थान के पूरे आर्थिक तंत्र को दांव पर लगा दिया है. जिसका खामियाजा आने वाले वर्षों में प्रदेश और प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ेगा.उन्होंने कहा कि नए ज़िले बनाए जाने की प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण तथ्यों को नज़रअंदाज़ कर दिया गया है. जिस कारण नए ज़िले बनने से होने वाली सुगमता के बजाय जनता को प्रशासनिक जटिलताओं का सामना करना पड़ेगा. प्रदेश के चिंताजनक राजकोषीय संकेतकों को मुख्यमंत्री ने ताक पर रखकर बजट का राजनीतिकरण करने का प्रयास किया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.

गौरतलब है कि सीएम अशोक गहलोत ने इस बार के बजट में विभिन्न जिलों के विकास के लिए कई बड़ी घोषणाएं की थीं. उन्होंने अपने बजट भाषण के दौरान कहा था कि घरेलू उपभोक्ताओं को अब 100 यूनिट बिजली प्रति माह मुफ्त दी जाएगी, पहले अधिकतम सीमा 50 यूनिट थी. वहीं, उन्होंने चिरंजीवी बीमा योजना के तहत हर परिवार को 25 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस देने की बात भी कही थी. साथ ही राजस्थान भर के 11 लाख से अधिक किसानों को हर महीने 2,000 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलेगी. जबकि घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 100 यूनिट बिजली मुफ्त में देने की बात कही गई थी.

Featured Video Of The Day
India-Pakistan Tension: Munir के बाद Shehbaz...आई जंग वाली आवाज़! | Kachehri With Shubhankar Mishra