CLAT परीक्षा से जरूरी नहीं कि कानून के लिहाज से उपयुक्त छात्रों का चयन हो : CJI

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इंडिया इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ लीगल एजुकेशन और रिसर्च के पहले अकादमिक सत्र के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया

विज्ञापन
Read Time: 19 mins
भारत के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़.
पणजी:

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए छात्रों के चयन का मौजूदा मॉडल, जिसमें सीएलएटी परीक्षा उत्तीर्ण करना शामिल है, ऐसा नहीं है जिसके परिणाम स्वरूप इस लिहाज से सही स्वभाव वाले अभ्यर्थियों का चयन हो. जस्टिस चंद्रचूड़ बार काउंसिफ ऑफ इंडिया ट्रस्ट-पर्ल फर्स्ट की पहल पर बनी ‘इंडिया इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ लीगल एजुकेशन और रिसर्च' (IIULER) के पहले अकादमिक सत्र के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को अत्याधुनिक अनुसंधान का केंद्र होना चाहिए और आईआईयूएलईआर में ऐसी प्रणाली होनी चाहिए जो छात्रों को अधिक समावेशी बनाए. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि जरूरी नहीं है कि समान विधि प्रवेश परीक्षा (CLAT) जैसी परीक्षाओं से सभी पात्र अभ्यर्थियों के प्रवेश का रास्ता साफ होता हो.

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों के सामने एक समस्या यह है कि संभवत: हम छात्रों के चयन के लिए जिस मॉडल का इस्तेमाल करते हैं उसमें हमेशा मूल्य आधारित शिक्षा को बढ़ावा नहीं दिया जाता क्योंकि समान विधि प्रवेश परीक्षा होती है और हम छात्रों की इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने की योग्यता को देखते हैं.''

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘‘यह आवश्यक नहीं है कि सीएलएटी के परिणाम स्वरूप वे ही छात्र चुने जाएं जो कानून के क्षेत्र में कॅरियर बनाने का सही स्वभाव रखते हैं. मेरी कुलपति और संकाय सदस्यों से अपील है कि विविध पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए मूल्य आधारित विधि शिक्षा को महत्व दें.''

Advertisement

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए संसाधनों की जरूरत होती है, लेकिन ये ऐसे तैयार नहीं किए जाने चाहिए कि उन छात्रों के लिए मार्ग ही बंद हो जाए जो इसके लिए भुगतान नहीं कर सकते.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Kedarnath Yatra: बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए अब आपको पूरे दिन नहीं चलना पड़ेगा | Khabron Ki Khabar
Topics mentioned in this article