शास्त्रीय संगीतकार उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान (Classical musician Ustad Ghulam Mustafa Khan died) का रविवार दोपहर को उनके घर पर निधन हो गया. मुस्तफा खान 89 वर्ष के थे. खान की पुत्रवधू नम्रता गुप्ता खान ने बताया कि उनका निधन दोपहर 12 बजकर 37 मिनट पर बांद्रा स्थित आवास पर हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खान के निधन पर दुख जताया और कहा कि उनके निधन से सांस्कृतिक दुनिया को बड़ी क्षति हुई है. खान पद्म विभूषण से सम्मानित कलाकार थे.
नम्रता के मुताबिक, “आज सुबह वह ठीक थे. हमने उनकी देखरेख के लिए घर पर 24 घंटे नर्स रखी हुई थी. मालिश के दौरान उन्हें उल्टी हो गई और जब वह पहुंचीं तो उनकी आंखें बंद थीं. वह धीरे-धीरे सांस ले रहे थे. मैंने डॉक्टरों से संपर्क करने की कोशिश की और जब तक वे आए तब तक वह अंतिम सांस ले चुके थे.'' खान के अचानक निधन से परिवार सदमे में है क्योंकि वह बेहतर दिख रहे थे. संगीतकार तीन मार्च को 90 साल के होने वाले थे. खान को 2019 में ब्रेन स्ट्रोक हुआ था और उनके शरीर का बायां हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया था.
नम्रता ने अपने फेसबुक पेज पर खान के निधन की खबर शेयर की. नम्रता ने सोशल मीडिया मंच पर पोस्ट किया, ‘‘बहुत भारी मन से, मैं आप सभी को सूचित करती हूं कि मेरे ससुर और हमारे परिवार के स्तंभ पद्म विभूषण उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान साहब ने कुछ मिनट पहले इस दुनिया को अलविदा कह दिया.'' गुलाम मुस्तफा खान का जन्म उत्तर प्रदेश के बदायूं में तीन मार्च, 1931 को हुआ था. वह चार भाइयों और तीन बहनों के परिवार में सबसे बड़े बेटे थे.उनके पिता, उस्ताद वारिस हुसैन खान, प्रसिद्ध संगीतकार उस्ताद मुर्रेद बख्श के बेटे थे. जबकि उनकी मां सबरी बेगम, उस्ताद इनायत हुसैन खान की बेटी थीं, जिन्हें संगीत के रामपुर-सहसवान घराने के संस्थापक के रूप में श्रेय दिया जाता है. उन्हें 1991 में पद्म श्री, 2006 में पद्म भूषण और 2018 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था. वर्ष 2003 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान साहब के निधन से हमारी सांस्कृतिक दुनिया को एक बड़ी क्षति पहुंची है. वह संगीत क्षेत्र की अग्रणी हस्ती थे, रचनात्मकता के दिग्गज थे जिनकी रचनाओं ने उन्हें कई पीढ़ियों तक पहुंचाया.महान गायिका लता मंगेशकर और संगीतकार एआर रहमान ने खान के निधन पर शोक जताया और उन्हें श्रद्धांजलि दी.