CAA के खिलाफ प्रदर्शनों में हिस्सा लेने पर IIT मद्रास में पढ़ने वाले जर्मनी के छात्र को वापस भेजा

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में देशभर में कई यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के छात्र विरोध कर रहे हैं. जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों पर पुलिस की बर्बरता के बाद देशभर के ज्यादात्तर यूनिवर्सिटी के छात्र इसके विरोध में आए थे.

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CAA के खिलाफ देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं.
नई दिल्ली:

आईआईटी मद्रास में जर्मनी के एक एक्सचेंज स्टूडेंट को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने पर कथित तौर पर भारत से वापस भेज दिया गया है. आईआईटी मद्रास में फिजिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे जैकब लिंडेंथल कथित तौर पर सोमवार को एम्सटर्डम चले गए. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक छात्र का कहना है कि उसे चेन्नई में विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय की ओर से मौखिक तौर पर भारत छोड़ने के निर्देश मिले थे. 

पिछले सप्ताह की तस्वीरों में एक 24 वर्षीय छात्र कई प्रदर्शनों में दिखाई दिया था. इस प्रदर्शन में उसने एक पोस्टर पकड़ रखा था, जिस पर लिखा था, 'Uniformed Criminals = Criminals.' वहीं, दूसरे पोस्टर पर लिखा हुआ था, '1933-1945 We have been there'.  अधिकारियों ने उससे कथित तौर पर कहा कि प्रदर्शनों में उसका हिस्सा लेना वीजा नियमों का उल्लंघन है और उसे तुरंत भारत छोड़ना होगा. हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ कि उसे वापस भेजने का फैसला आईआईटी मद्रास ने लिया और केंद्र सरकार ने.

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आईआईटी मद्रास के छात्रों ने इस फैसले को शर्मनाक करार दिया है. एनडीटीवी ने दो बार आईआईटी से इस बारे में बात करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.

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छात्रों के अलावा राजनेताओं ने भी इसकी निंदा की है. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल को टैग करते हुए ट्वीट किया कि यह निराशानजक है. हमारा एक ऐसा लोकतंत्र है, जो कि दुनिया के लिए एक उदाहरण है. लोकतंत्र में कभी भी अभिव्यक्ति की आजादी नहीं छीनी जाती. मैं आपसे गुहार करता हूं कि आप आईआईटी मद्रास को निर्देश दें, कि उस छात्र को वापस भेजने का फैसला वापस लिया जाए. 

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बता दें, नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में देशभर में कई यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के छात्र विरोध कर रहे हैं. जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों पर पुलिस की बर्बरता के बाद देशभर के ज्यादात्तर यूनिवर्सिटी के छात्र इसके विरोध में आए थे. जामिया यूनिवर्सिटी के छात्र नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे थे, तभी पुलिस ने यूनिवर्सिटी में घुसकर उनकी पर लाठियां बरसाईं और आंसू गैस के गोले छोड़े.

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