लोक जनशक्ति पार्टी में चल रही कलह में कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने खुलकर चिराग पासवान के पक्ष में राय दी है. चिराग ने इसे लेकर प्रसन्नता जताई और कहा कि एक चाचा (पशुपति) गए तो दूसरे चाचा (शत्रुघ्न) का हाथ और साथ मिला. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले, शत्रुघ्न ने NDTV से बात करते हुए चिराग और उनकी पार्टी में चल रही 'उठापटक' के बारे में कहा था, 'इसे जानकर दुख हुआ है जिस तरह से घटनाक्रम में परिवर्तन हुआ है. वह (चिराग) अच्छा लड़का है, अपने पिता से अच्छी ट्रेनिंग हुई, मुझे लगता है कि जो चिराग जो डिजर्व करता हैं उसे मिलना चाहिए मुझे लगता है कि पीएम को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए.' इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चिराग (Chirag Paswan) ने कहा, 'शत्रुघ्न जी मेरे लिए पिता तुल्य हैं और मेरे पिता से उनके अच्छे संबंध थे. अकसर इन्होंने यह बात कही कि इनका नाम शत्रुघ्न हैं और मेरे पिता के नाम के साथ 'राम' आता है. रामायण को आप देखें तो दोनों भाई के समान ही है. मेरे सिर से एक हाथ गया तो इस तरह दूसरे हाथ सिर पर आते हैं तो अच्छा लगता है. मैं इसके लिए शत्रुघ्न जी का शुक्रिया अदा करता हूं'
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चिराग ने कहा, 'ये सभी हमारे बड़े हैं अभिभावक हैं, बड़ों का सम्मान करना हमारी संस्कृति में है. इस लिहाज से मेरे तो नीतीश कुमार भी सम्मानीय हैं. यह हमारे संस्कारों में है आप किसी को चाचा बोलें, सम्मान दें. नीतीश जी से भले ही मैं सहमत नहीं हूं लेकिन उनके प्रति भी मेरे मन में सम्मान हैं.'आरजेडी के युवा नेता तेजस्वी यादव के बारे में उन्होंने कहा कि वह मेरे छोटे भाई की तरह हैं. मेरे संबंध सबसे अच्छे रहे हैं जैसे मेरे पिता के रहते थे.
पार्टी के चल रही कलह पर कमेंट करते हुए चिराग ने कहा, 'वह (चाचा पशुपति) मेरे पापा के करीब थे इसलिए यह उनके साथ विश्वासघात है. वह (चाचा) मेरे बड़े है यदि उन्हें मेरे साथ कोई दिक्कत थी तो इस बारे में बताना चाहिए थे. लेकिन जिस तरह से उन्होंने काम किया है, वह पापास के साथ विश्वासघात है. मुझे विश्वास है कि पापा जहां पर भी होंगे, इससे खुश नहीं होंगे.' उन्होंने कहा, 'मेरे परिवार के सदस्यों ने ही मेरे साथ विश्वासघात किया. मेरे चाचा, मेरे लिए पिता की तरह थे और मेरा भाई (कजिन प्रिंस) मेरे लिए बेटे की तरह.'